Move to Jagran APP

पहले स्वच्छता के प्रति ज्यादा थी जागरूकता

पीलीभीत : पुराने जमाने में स्वच्छता के प्रति लोग आजकल की अपेक्षा ज्यादा जागरूक रहते थे। परिवारो

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Dec 2017 10:25 PM (IST)Updated: Tue, 19 Dec 2017 10:25 PM (IST)
पहले स्वच्छता के प्रति ज्यादा थी जागरूकता
पहले स्वच्छता के प्रति ज्यादा थी जागरूकता

पीलीभीत : पुराने जमाने में स्वच्छता के प्रति लोग आजकल की अपेक्षा ज्यादा जागरूक रहते थे। परिवारों का वातावरण भी ऐसा रहता था कि हर सदस्य जिम्मेदारी स्वयं समझता था। साफ-सफाई के प्रति वैसी जागरूकता अब नहीं दिखाई देती। तभी तो सरकार को स्वच्छता अपनाने के लिए जन जागरूकता अभियान चलाना पड़ रहा है। इसके बावजूद अभी तक स्थिति में कोई ज्यादा सुधार नहीं हुआ है। अक्सर लोग सड़क पर कूड़ा फेंक देते हैं। यह भी नहीं समझते कि इन्हीं सड़कों पर तो उन्हें गुजरना है। ऐसे में गंदगी क्यों फैलाएं?

loksabha election banner

बदल गई जीवनशैली

बीते 75 वर्षों के दौरान देश में बहुत तरक्की हुई है। लोगों के रहन-सहन में भी काफी परिवर्तन आया है। पहले के लोग मीलों लंबी दूरी पैदल ही तय कर लेते थे। इसी वजह से वे हमेशा स्वस्थ रहते थे लेकिन, आज के दौर पर लोगों ने पैदल चलना कम कर दिया है। इसी का परिणाम है कि तरह-तरह की नई बीमारियां पैदा हो गई हैं। यह जीवनशैली में बदलाव के कारण हो रहा है। पैदल चलना लोगों ने लगभग बंद ही कर दिया है। जब चिकित्सक सुबह टहलने का परामर्श देते हैं, तब लोग मार्निंग वॉक पर निकलना शुरू करते हैं। पहले के लोगों को पता रहता था कि किस तरह से स्वस्थ जीवन जिया जा सकता है। लोग खानपान से लेकर रहन-सहन में इसका बड़ा ही ध्यान रखते थे।

जागरूकता की कमी आई

लोग अच्छी तरह जानते हैं कि पॉलीथीन से कितना प्रदूषण हो रहा लेकिन, इस्तेमाल स्वेच्छा से बंद नहीं कर रहे। इस्तेमाल की हुई पॉलीथीन में कूड़ा भरकर फेंक देते हैं। यही पॉलीथीन नाले-नालियों में पहुंचकर गंदगी बढ़ा देती है। पुराने जमाने में पॉलीथीन का चलन ही नहीं था। विकास तो बहुत हुआ, साथ ही समस्याएं भी बढ़ी हैं। पहले के लोगों में आज की अपेक्षा समाज के प्रति जिम्मेदारी का भाव अधिक रहता था।

पद्मा चंद्रा, संरक्षक, निशक्त जन सेवा संस्थान, पीलीभीत

शिक्षा के स्तर में होना चाहिए सुधार

शिक्षा के स्तर में व्यापक सुधार होना चाहिए। इंटर तक की पढ़ाई तो ठीकठाक हो जाती है लेकिन, उच्च शिक्षा के लिए बेहतर इंतजाम नहीं हैं। शिक्षा में सुधार के साथ सरकार को रोजगार के अवसर बढ़ाने पर भी ध्यान देना चाहिए। आज के दौर में युवाओं की सबसे बड़ी समस्या यही है। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्हें रोजगार की तलाश में भटकना पड़ता है। ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए कि शिक्षा पूरी करने के तुरंत बाद योग्यता के आधार पर रोजगार उपलब्ध हो जाए। इससे युवाओं को महानगरों की ओर रुख नहीं करना पड़ेगा।

जिम्मेदारी उठाएं युवा

सरकार की ओर से स्वच्छता की मुहिम चलाई जा रही है। ऐसे में सभी युवाओं की भी यह जिम्मेदारी बनती है कि वे स्वयं स्वच्छता की पहल करें और दूसरे लोगों को भी इसके लिए जागरूक करें। केंद्र सरकार ने शहरों को स्मार्ट सिटी बनाने का अभियान शुरू किया है। छोटे शहर स्मार्ट सिटी भले ही न बन सकें लेकिन, पूरी तरह स्वच्छ तो बन ही सकते हैं। स्वच्छता को आदत में शामिल कर लिया जाए तो सबसे बेहतर रहेगा। जनसंख्या के लिहाज से युवा इस देश में बड़ी ताकत हैं। इस ताकत का इस्तेमाल रचनात्मक कार्यों में होना चाहिए। सभी युवा समाज के प्रति भी अपनी जिम्मेदारियों को समझें और उसी के अनुरूप व्यवहार करने लगें तो कई तरह की समस्याओं का निदान हो जाएगा। देश तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसमें हर देशवासी का योगदान होना चाहिए। भेदभाव की भावना कहीं पर भी नहीं होनी चाहिए।

- मृणालिनी मिश्रा, छात्रा रामलुभाई साहनी राजकीय महिला महाविद्यालय, पीलीभीत


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.