7.38 लाख लोग अभी गोल्डन कार्ड से वंचित
केंद्र सरकार की ओर से संचालित आयुष्मान भारत के तहत गरीबों को पांच लाख रुपये तक की चिकित्सा सुविधा पूरी तरह मुफ्त प्रदान करने के लिए संचालित प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की गति जिले में सुस्त है। अभी तक करीब डेढ़ लाख लोगों को ही गोल्डन कार्ड प्राप्त हो सके हैं जबकि जिले को लक्ष्य 8.85 लाख चयनित पात्रों को कार्ड मुहैया कराने का है।
पीलीभीत,जेएनएन : केंद्र सरकार की ओर से संचालित आयुष्मान भारत के तहत गरीबों को पांच लाख रुपये तक की चिकित्सा सुविधा पूरी तरह मुफ्त प्रदान करने के लिए संचालित प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की गति जिले में सुस्त है। अभी तक करीब डेढ़ लाख लोगों को ही गोल्डन कार्ड प्राप्त हो सके हैं जबकि जिले को लक्ष्य 8.85 लाख चयनित पात्रों को कार्ड मुहैया कराने का है।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी व आयुष्मान के नोडल डॉ. अश्विनी कुमार गुप्ता के अनुसार जिले में कामन सर्विस सेंटरों व लोक सेवा केंद्रों के माध्यम से आयुष्मान भारत योजना के कार्ड गांव गांव में तैयार किए जा रहे है। उन्होंने बताया कि जिले में इस योजना के तहत अभी तक 1 लाख 46 हजार 798 कार्ड बन चुके है जबकि जिले में 8 लाख 85 हजार 460 गोल्डन कार्ड बनाने का लक्ष्य मिला है। नोडल अधिकारी के अनुसार जिले में अब तक 10 हजार 250 लोगों को आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत जारी गोल्डन कार्ड के माध्यम से मुफ्त इलाज का लाभ मिल चुका है। इनसेट
राजरानी को आयुष्मान से मिली रोशनी
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के नोडल अधिकारी के अनुसार अमरिया ब्लाक के गांव सिमरिया गौसू निवासी राजरानी को पिछले कई महीनों से देखने में दिक्कत आ रही थी। उन्हें सब कुछ धुंधला दिखाई देता था। शहर में कई प्राइवेट अस्पतालों में आंखों के डाक्टर को दिखाया तो उसने बताया गया कि मोतियाबिद बन गया है। जिसके कारण धुंधला दिखाई देता है। आयुष्मान भारत योजना के तहत आंखों का आपरेशन मुफ्त होने से अब राजरानी की आंख में रोशनी वापस आ गई। राजरानी ने बताया कि उसने डाटर से चेकअप कराया तो बताया गया कि आपरेशन के लिए लगभग 15-20 हजार का खर्चा आएगा। उसके पास इतने रुपये नहीं थे। गांव की आशा कार्यकर्ता से आयुष्मान के बारे में जानकारी मिली। वह अपने पति को साथ लेकर कौशल्या देवी आंख अस्पताल में पहुंची। अपना गोल्डन कार्ड दिखाया। अस्पताल में रिसेप्शन पर ही गोल्डन कार्ड देखकर उसे बता दिया गया कि आंख का आपरेशन मुफ्त में हो जाएगा। बस फिर क्या था, राजरानी को उनके पति आसेराम ने भर्ती करा दिया। उसकी आंख की रोशनी लौट आई है।