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नवोदय विद्यालय प्रवेश परीक्षा में 4914 बच्चे गैरहाजिर

जवाहर नवोदय विद्यालय की प्रवेश परीक्षा में 4 हजार 914 बच्चे गैरहाजिर रहे। इतनी बड़ी संख्या में पंजीकृत बच्चों के परीक्षा से वंचित रह जाने के पीछे उनके अभिभावकों में जागरूकता का अभाव माना जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 06 Apr 2019 11:40 PM (IST)Updated: Sun, 07 Apr 2019 06:22 AM (IST)
नवोदय विद्यालय प्रवेश परीक्षा में 4914 बच्चे गैरहाजिर
नवोदय विद्यालय प्रवेश परीक्षा में 4914 बच्चे गैरहाजिर

पीलीभीत : जवाहर नवोदय विद्यालय की प्रवेश परीक्षा में 4 हजार 914 बच्चे गैरहाजिर रहे। इतनी बड़ी संख्या में पंजीकृत बच्चों के परीक्षा से वंचित रह जाने के पीछे उनके अभिभावकों में जागरूकता का अभाव माना जा रहा है।

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केंद्र सरकार की ओर से जिलों में जवाहर नवोदय विद्यालयों की स्थापना के पीछे उद्देश्य यही रहा है कि मेधावी बच्चों को बेहतर ढंग से शिक्षा मिल सके। जिससे उनके भीतर की प्रतिभा उजागर हो और वे अपना बेहतर करियर बना सकें। इसीलिए हर साल पांचवी पास मेधावी बच्चों के पंजीकरण कराकर उन्हें नवोदय विद्यालय की प्रवेश परीक्षा में शामिल कराया जाता है। जिससे कक्षा छह में उन्हें नवोदय विद्यालय में प्रवेश मिल सके। इस आवासीय विद्यालय में प्रवेश पाने वाले बच्चों को सीबीएसई पैटर्न पर 12वीं कक्षा तक की मुफ्त पढ़ाई की सुविधा प्रदान की जाती है। इस बार भी खंड शिक्षा अधिकारियों को लगातार पांचवी पास बच्चों के प्रवेश परीक्षा के लिए पंजीकरण कराए गए थे। पूरे जिले में 8002 बच्चों का पंजीकरण हुआ। प्रवेश परीक्षा के लिए शहर में राजकीय बालिका इंटर कॉलेज, ड्रमंड राजकीय इंटर कॉलेज, वीरांगना अवंतीबाई जिला पंचायत बालिका इंटर कॉलेज, चिरौंजीलाल वीरेंद्र पाल सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज, सनातन धर्म बांकेबिहारी राम इंटर कॉलेज के साथ ही पूरनपुर व बीसलपुर में भी दो-दो परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। शनिवार को पूर्वाह्न 11 बजे सभी केंद्रों पर एक साथ परीक्षा शुरू हुई। दोपहर डेढ़ बजे परीक्षा संपन्न हो गई। जिला विद्यालय निरीक्षक संत प्रकाश के अनुसार कुल पंजीकृत 8002 विद्यार्थियों में से 3088 विद्यार्थी परीक्षा देने अपने अपने केंद्र पर पहुंचे। कुल 4914 विद्यार्थियों ने परीक्षा छोड़ दी। जवाहर नवोदय विद्यालय के प्राचार्य जीएस अवस्थी का कहना है कि परीक्षा छोड़ने में बच्चों का कोई दोष नहीं है बल्कि यह उनके अभिभावकों में जागरूकता की कमी को दर्शाता है। इस परीक्षा में बच्चों के लिए बच्चों का पंजीकरण कराने के लिए खूब प्रचार प्रसार भी किया गया था।


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