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4071 शरणार्थियों को मिलेगी नागरिकता

अमरिया तहसील क्षेत्र के विभिन्न गांवों में रह रहे 4071 बंगाली शरणार्थियों को जल्द ही नागरिकता मिल जाएगी। जिला प्रशासन की ओर से नागरिकता से वंचित पात्र लोगों की सूची तैयार कर ली गई है। राजस्व संग्रह अमीनों के माध्यम से जांच कराने के बाद सूची को फाइनल किया गया है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 15 Jan 2020 10:33 PM (IST)Updated: Wed, 15 Jan 2020 10:33 PM (IST)
4071 शरणार्थियों को मिलेगी नागरिकता
4071 शरणार्थियों को मिलेगी नागरिकता

संवाद सूत्र, मझोला (पीलीभीत): अमरिया तहसील क्षेत्र के विभिन्न गांवों में रह रहे 4071 बंगाली शरणार्थियों को जल्द ही नागरिकता मिल जाएगी। जिला प्रशासन की ओर से नागरिकता से वंचित पात्र लोगों की सूची तैयार कर ली गई है। राजस्व संग्रह अमीनों के माध्यम से जांच कराने के बाद सूची को फाइनल किया गया है। जिलाधिकारी के माध्यम से सूची शासन को भेजी गई है। शासन को भेजी गई रिपोर्ट के अनुसार सबसे ज्यादा लाभार्थी बैरवा कॉलोनी में 670 शरणार्थियों को नागरिकता मिलेगी। जोशी कॉलोनी में 653, भरतपुर कॉलोनी 1028 भिडारा मिश्रा कॉलोनी 12, मझोला कस्बा में 99, गिधौर फुलिया 8, टांडा बिजैसी 991, नगरिया कॉलोनी 252, रसूला फार्म 120, भरा पचपेड़ा गांव में नागरिकता देने के लिए 238 शरणार्थियों को सूचीबद्ध किया गया है। -गौरव ऋषि निवासी रसूला फार्म का कहना है कि उनके दादा-दादी आकर यहां 1947 में आकर बसे थे। तब से अब तक नागरिकता नहीं मिल सकी। अब तहसील से लोग आए और नाम लिखकर ले गए हैं।

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श्यामल निवासी जोशी कॉलोनी कहना है कि उनके पापा और दादी गांव में बंगाल से आकर बसे थे। अब इस कानून के लागू होने का उनको लाभ मिलेगा, जिसके लिए वह दशकों से इंतजार कर रहे थे।

परेश कांत राय का कहना है कि उनके पिता और चाचा 1952 में पश्चिम बंगाल से आकर जोशी कॉलोनी में रहने लगे थे। नरेंद्र ने मजदूरी करके परिवार का पालन पोषण किया। नागरिकता मिलने से उनके बच्चों का भविष्य बनेगा।

रिकू हलदर पत्नी गोविद हलदर का कहना है कि उनका परिवार पश्चिम बंगाल से 1971 में यहां आकर बसा था। परिवार के सदस्यों को अभी तक नागरिकता नहीं मिल सकी थी ,लेकिन अब पूरी उम्मीद है।

जोशी कॉलोनी निवासी जोशना पत्नी केशव मजूमदार का कहना है कि उनके ससुर 1975 में आकर जोशी कॉलोनी में बसे थे। तब से अब तक उनके पास कोई कागज नहीं था। अब कानून बनने से उनके परिवार को नागरिकता मिल जाएगी।

गांव जोशी करण निवासी विश्वजीत का कहना है कि उसके माता-पिता इस गांव में आकर बसे थे। वर्ष 1978 में परिवार ने मेहनत मजदूरी कर गुजारा शुरू किया था। तब से अब तक नागरिकता की आस लगाए रहे हैं लेकिन अब उम्मीद बंधी है।

सभी गांव की जांच राजस्व कर्मचारियों से कराई गई है। हर गांव के लाभार्थियों की सूची हासिल कर ली गई है। अमरिया ब्लॉक के विभिन्न बंगाली समुदाय के गांवों 4071 लोगों की सूची बिदुवार जिलाधिकारी के माध्यम से शासन को भेज दी गई है।

-जंगबहादुर यादव, एसडीएम अमरिया


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