कहां गायब हो गई 2800 टन कृभको की यूरिया
सरकार ने उर्वरक बिक्री के लिए पॉस मशीन की अनिवार्यता लागू कर दी ताकि कोई घपलेबाजी न हो सके।
पूरनपुर : सरकार ने उर्वरक बिक्री के लिए पॉस मशीन की अनिवार्यता लागू कर दी ताकि कोई घपलेबाजी न हो सके परन्तु इसके बाद भी लोग इसका काट निकालकर बिना मशीन के ही खाद की बिक्री कर रहे हैं। जी हां यह बात हम नहीं कह रहे हैं बल्कि खाद उत्पादक कंपनी कृभको के आंकड़ों ने इस बात की पोल खोल दी है। अप्रेल से 15 जून तक जो 2800 टन यूरिया कृभको ने दुकानदारों व सोसाइटियों को बेंची थी उसकी अभी तक बिक्री ही नहीं दिखाई गई। यह खाद जिले की 163 दुकानों व समितियों पर डंप हुई है। अब कृभको ने यूरिया खाद के स्टाक का भौतिक सत्यापन कराने के निर्देश दिए हैं। पॉस मशीन से बिक्री न दिखाए जाने से कंपनी की सवा चार करोड़ की सब्सिडी फंस कर रह गई है।
यूरिया की तस्करी रोकने के लिए सरकार ने वास्तविक किसानों को यूरिया व अन्य खादें देने के लिए खाद की बिक्री पॉस (प्वाइंट आफ सेल) मशीनों से करने का फार्मूला 1 फरवरी 2018 से लागू किया है। इस मशीन में खाद खरीदने एवं बेचने की इंट्री करनी पड़ती है। जब खाद दूकान पर आती है तो इन्वाइस नंबर व बोरियों की संख्या फीड करनी पड़ती है। इसके बाद बिक्री करने के लिए किसान का आधार नंबर मशीन पर डालते ही अंगूठे की छाप मांगती है। असली किसान होने पर छाप स्वीकृत होने के बाद ही खाद देने का नियम है। कहीं नेटवर्क नहीं आता तो कहीं नेटवर्क की समस्या विक्रेताओं को रुलाती है। ऐसे में विक्रेताओं ने बिना मशीन के ही खाद की बिक्री शुरू कर दी है। यह बात कृभको द्वारा जिले की दुकानों पर भेजी गई खाद के आंकड़े देखने पर पता चलती है। कृभको ने मौजूदा वित्तीय वर्ष में अप्रेल से 15 जून तक 2800 टन कृभको यूरिया बाजार में उतारी। अभी तक इसमें से कोई भी स्टाक नहीं बिका। अब नियम यह है कि खाद किसानों के आधार से बिकते ही खाद निर्माता कंपनी को 15 हजार प्रति टन के हिसाब से यूरिया पर सब्सिडी मिल जाती है। 28 सौ टन की करीब 4 करोड़ 20 लाख रुपया सब्सिडी फंसी को कंपनी के आला अधिकारियों का माथा ठनका और उन्होंने जिले के 163 दुकानदारों के यहां डंप स्टॉक की सूची कृभको के जिला प्रभारी विकास ¨सह को भेजी है। इसमें अंकित दुकानदारों के यहां मौजूद स्टाक का भौतिक सत्यापन करने को कहा गया है। पूरनपुर के विक्रय प्रतिनिधि दिनेशचंद्र शुक्ला ने बताया कि इन सभी दुकानदारों के यहां स्टाक का मिलान करके ही किसी नतीजे पर पहुंचा जा सकेगा। उन्होंने बताया कि मशीन के बिना बिक्री करना अपराध है एवं ऐसा करने पर दुकान का लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई संभव है।