बाघ हमले में अभी तक 24 लोगों की जा चुकी जान
टाइगर रिजर्व घोषित होने के बाद से अब तक बाघ हमले में 24 लोग अपनी जान गवां चुके हैं। लगभग इतने ही लोग घायल हो हुए हैं। इस साल अब तक बाघ हमले में एक किसान की मौत हो चुकी है जबकि आधा दर्जन लोग घायल हो चुके हैं। मानव-बाघ संघर्ष रोकने के लिए वन विभाग और सामाजिक वानिकी प्रभाग की ओर से लगातार जन जागरूकता अभियान चलाए जाने के बावजूद संघर्ष में कमी नहीं आ पा रही है।
पीलीभीत : टाइगर रिजर्व घोषित होने के बाद से अब तक बाघ हमले में 24 लोग अपनी जान गवां चुके हैं। लगभग इतने ही लोग घायल हो हुए हैं। इस साल अब तक बाघ हमले में एक किसान की मौत हो चुकी है जबकि आधा दर्जन लोग घायल हो चुके हैं। मानव-बाघ संघर्ष रोकने के लिए वन विभाग और सामाजिक वानिकी प्रभाग की ओर से लगातार जन जागरूकता अभियान चलाए जाने के बावजूद संघर्ष में कमी नहीं आ पा रही है।
विगत 11 अप्रैल को गजरौला थाना क्षेत्र में गोयल कॉलोनी में रहने वाले किसान हेमंत खैराती पर जंगल से निकले बाघ ने उस समय हमला कर दिया था, जब वह अपने खेत पर काम कर रहा था। इस हमले में किसान की मौके पर ही मौत हो गई थी। इसके बाद पूरनपुर क्षेत्र के चंदिया हजारा में खेत पर गन्ना फसल की गुड़ाई कर रहे दो किसानों पर बाघ ने हमला करके उन्हें घायल कर दिया था। वर्ष 2015 में 14 जून को यहां के जंगलों को पीलीभीत टाइगर रिजर्व घोषित किया गया था। बाघ हमले की घटनाएं सबसे ज्यादा वर्ष 2017 व 2018 में हुई हैं। जब से पीलीभीत टाइगर रिजर्व बना, तभी से वन विभाग और सामाजिक वानिकी प्रभाग की ओर से जंगल किनारे गांवों में रहने वाले लोगो को वन्य जीवों से अपनी सुरक्षा के साथ ही उनके संरक्षण के प्रति भी विविध कार्यक्रमों के माध्यम से जागरूकता बढ़ाने के प्रयास किए जाते रहे हैं। इसके बावजूद बाघ हमले की घटनाएं लगातार हो रही हैं। बाघों पर भी संकट मंडराता रहा है। पिछले पांच साल के दौरान आठ बाघ और तीन तेंदुआ मर चुके हैं।
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