यमुना एक्सप्रेस-वे का सर्वर डाउन, बिगड़े हालात, टोल पर घंटों फंसे वाहन
जागरण संवाददाता ग्रेटर नोएडा प्रदेश के पहले एक्सिस कंट्रोल एक्सप्रेस-वे की छवि लगातार धूमिल हो रही है। हादसे के लिए चर्चित यमुना एक्सप्रेस-वे पर बुधवार को भी वाहन चालकों को दुश्वारी का सामना करना पड़ा।
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा: प्रदेश के पहले एक्सिस कंट्रोल एक्सप्रेस-वे की छवि लगातार धूमिल हो रही है। हादसे के लिए चर्चित यमुना एक्सप्रेस-वे पर बुधवार को भी वाहन चालकों को दुश्वारी का सामना करना पड़ा। सर्वर डाउन होने से एक्सप्रेस-वे पर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। हालात से निपटने के लिए टोल प्रबंधन की ओर से त्वरित कार्रवाई न होने से लोग परेशान हो गए। इनका बढ़ता आक्रोश देख टोल प्रबंधन ने मैनुअल टोल वसूलना शुरू किया। देश में करीब एक साल पहले फास्टैग लागू हो चुका है। यमुना प्राधिकरण के निर्देश के बावजूद एक्सप्रेस-वे का संचालन कर रही कंपनी जेपी इंफ्राटेक अभी तक फास्टैग लागू करने में विफल है।
ग्रेटर नोएडा से आगरा तक 165 किमी लंबे यमुना एक्सप्रेस-वे के 2012 में शुभारंभ के समय इसके आधुनिक सुविधाओं से लैस होने के तमाम दावे किए गए थे। इसके विपरीत एक दशक से भी कम समय में इन दावों की पूरी तरह से हवा निकल चुकी है। संचालक कंपनी को एक्सप्रेस-वे से प्रतिदिन लाखों रुपये की कमाई होती है। इसके बावजूद सुविधाओं का नितांत अभाव है, लिहाजा ये उदासीनता एक्सप्रेस-वे पर हादसे और उनमें लोगों के जान गंवाने के रूप में सामने आ रही है।
एक्सप्रेस-वे व हाइवे पर यात्रा समय को कम करने एवं टोल पर वाहनों की लंबी कतार को समाप्त करने के लिए करीब एक साल पहले फास्टैग की व्यवस्था लागू की गई थी। इसके बाद से चंद सैकेंड में वाहन टोल से गुजरते हैं। यमुना प्राधिकरण ने भी राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की तरह जेपी इंफ्राटेक को भी एक्सप्रेस-वे पर दोनों ओर की एक-एक लेन को फास्टैग करने के निर्देश दिए थे, लेकिन प्राधिकरण के निर्देश पर एक साल बाद भी अमल नहीं हुआ है।
निर्देशों की घोर लापरवाही का आलम यह है कि बुधवार को एक्सप्रेस-वे का सर्वर डाउन हो गया। जेवर टोल प्लाजा पर वाहनों की लंबी कतार लग गईं। करीब ढाई घ्टे तक हालात खराब रहे। इससे लोगों में आक्रोश बढ़ गया। वाहनों की भारी संख्या को देखते हुए जेवर पुलिस भी हालात को काबू करने में जुट गई। मैनुअल तरीके से टोल वसूलकर वाहनों को प्लाजा से निकाला गया।
एक्सप्रेस-वे पर प्रतिदिन करीब 80 हजार वाहन गुजरते हैं, लेकिन किसान आंदोलन से यमुना एक्सप्रेस-वे से गुजरने वाले वाहनों की संख्या एक लाख के आकड़े को पार कर गई है। इतनी अधिक संख्या में वाहनों को देखते हुए संचालन कंपनी ने ठोस इंतजाम नहीं किए हैं। बॉक्स
व्यस्त समय में मरम्मत से और बिगड़े हालात
यमुना एक्सप्रेस-वे पर लापरवाही इस हद तक है कि आगरा की ओर जाने वाले रास्ते पर व्यस्त समय में मरम्मत कार्य कराया गया। पांच लेन को मरम्मत के कारण बंद कर दिया गया। प्लाजा पर वाहनों के गुजरने के लिए बूथ की संख्या कम हो गई। वर्जन..
यमुना एक्सप्रेस-वे पर फास्टैग सुविधा जल्द से जल्द लागू करने के जेपी इंफ्राटेक को सख्त निर्देश दिए गए हैं। पूर्व में भी जेपी इंफ्राटेक को फास्टैग के निर्देश दिए गए थे। सिस्टम अपडेट एवं खाते से लिक करने की तकनीकी दिक्कत से इसे लागू नहीं किया जा सका।
डॉ.अरुणवीर सिंह, सीईओ, यमुना प्राधिकरण