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यमुना प्राधिकरण में एक मई से टेबल से गायब हो जाएंगी फाइलें

यमुना प्राधिकरण में एक मई से अधिकारियों की टेबल पर फाइलें नजर नहीं आएंगी। फाइलें डिजिटल प्रारूप में अधिकारियों तक पहुंचेगी। इन फाइलों पर ही अधिकारी अपनी टिप्पणी व आदेश अंकित करेंगे। फाइल ट्रैकिग सिस्टम से निगरानी की जाएगी। दक्षता एवं पारदर्शिता बढ़ाने के लिए प्राधिकरण ई ऑफिस व्यवस्था लागू करने जा रहा है। आवंटियों की सुविधा के लिए एप्लीकेशन ट्रैकिग प्रणाली भी लागू करने की तैयारी है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 12 Apr 2019 08:06 PM (IST)Updated: Fri, 12 Apr 2019 08:06 PM (IST)
यमुना प्राधिकरण में एक मई से टेबल से गायब हो जाएंगी फाइलें
यमुना प्राधिकरण में एक मई से टेबल से गायब हो जाएंगी फाइलें

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा: यमुना प्राधिकरण में एक मई से अधिकारियों की टेबल पर फाइलें नजर नहीं आएंगी। फाइलें डिजिटल प्रारूप में अधिकारियों तक पहुंचेगी। इन फाइलों पर ही अधिकारी अपनी टिप्पणी व आदेश अंकित करेंगे। फाइल ट्रैकिग सिस्टम से निगरानी की जाएगी। दक्षता एवं पारदर्शिता बढ़ाने के लिए प्राधिकरण ई ऑफिस व्यवस्था लागू करने जा रहा है। आवंटियों की सुविधा के लिए एप्लीकेशन ट्रैकिग प्रणाली भी लागू करने की तैयारी है।

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यमुना प्राधिकरण में करीब 57 हजार फाइलें हैं। इसमें 42 हजार फाइलें डिजिटल हो चुकी हैं। एक मई तक सभी फाइलें डिजिटल करने का लक्ष्य है। इसके बाद डिजिटल प्रारूप में ही फाइलें अधिकारी तक पहुंचेंगी। डिजिटल फाइलों को संदर्भ के लिए रखा जाएगा। नई नोटशीट वर्ड फाइल में होगी। इस फाइल पर ही अधिकारी अपने आदेश व टिप्पणी अंकित व डिजिटल हस्ताक्षर करेंगे। वर्ड फाइल जितनी बार ओपन की जाएगी, उस पर समय अंकित हो जाएगा। नोटशीट की एक कॉपी मूल फाइल में भी नत्थी की जाएगी। इसके अलावा सर्वर पर पीडीएफ फाइल के रूप में भी सुरक्षित की जाएगी। सीईओ ने सभी फाइलों को एक मई से पहले डिजिटल करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही कर्मचारियों को नई व्यवस्था में कार्य करने में कोई दिक्कत न हो, उन्हें प्रतिदिन दो घंटे के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा।

प्राधिकरण का दावा है कि ई प्रणाली लागू होने से कार्य दक्षता व पारदर्शिता बढ़ेगी। इसका सीधा फायदा आवंटियों को होगा। फाइलों की निगरानी के लिए फाइल ट्रैकिग प्रणाली के साथ आवंटियों की सुविधा के लिए एप्लीकेशन ट्रैकिग सिस्टम भी लागू किया जा रहा है। इसके तहत जब कोई उपभोक्ता प्राधिकरण संबंधित सेवाओं के लिए प्रार्थना पत्र देगा तो उसका मोबाइल फोन नंबर भी लिया जाएगा। एप्लीकेशन स्वीकार होने के साथ ही उसके मोबाइल फोन पर उसका यूनिक आइडी नंबर का एसएमएस आएगा। इस नंबर की मदद से आवंटी व अधिकारी जान सकेंगे कि प्रार्थना पत्र से संबंधित विषय के निस्तारण की क्या स्थिति है। प्राधिकरण ने कस्टमर रिलेशन सेल में आवंटी प्रबंधन प्रणाली को लागू कर दिया है। सेल में जाकर कोई भी आवंटी संपत्ति से संबंधित जानकारी ले सकता है, उसे जानकारी लेने के लिए अलग-अलग विभागों में भटकने की जरूरत नहीं रह गई है। ई ऑफिस की व्यवस्था लागू होने से कार्य दक्षता व पारदर्शिता बढ़ेगी। इसका फायदा आवंटियों को भी होगा। उनकी समस्याओं के निस्तारण में तेजी आएगी।

डा. अरुणवीर सिंह, सीईओ यमुना प्राधिकरण


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