¨सदूर खेला में विधवाओं ने भी लिया हिस्सा
यूं तो आप ने ¨सदूर खेला में कभी विधवाओं और ट्रांसजेंडर को हिस्सा लेते नहीं देखा होगा। लेकिन बदलते दौर के साथ साथ लोगों की सोच में भी काफी परिवर्तन आया है। नोएडा सेक्टर-25 स्थित जलवायु विहार में इस साल परंपराओं को तोड़ कर विजय दशमी पर विधवाओं व ट्रंसजेंडर महिलाओं ने भी ¨सदूर खेला खेला। मान्यता के अनुसार केवल सुहागिन
जागरण संवाददाता, नोएडा : यूं तो आप ने ¨सदूर खेला में कभी विधवाओं और ट्रांसजेंडर को हिस्सा लेते नहीं देखा होगा। लेकिन बदलते दौर के साथ-साथ लोगों की सोच में भी काफी परिवर्तन आया है। नोएडा सेक्टर-25 स्थित जलवायु विहार में इस साल परंपराओं को तोड़कर विजयादशमी पर विधवाओं व ट्रंसजेंडर महिलाओं ने भी ¨सदूर खेला खेला। मान्यता के अनुसार केवल सुहागिन महिलाएं ही दुर्गोत्सव के अंतिम दिन मां को ¨सदूर अर्पित कर, एक-दूसरे को ¨सदूर लगाती हैं। इसी परंपरा को ¨सदूर खेला के नाम से जाना जाता है। सालों की इस परंपरा व समाज की सोच को बदलते हुए दुर्गा पूजा के ¨सदूर खेला में काफी संख्या में विधवा, तलाकशुदा और ट्रंसजेंडर महिलाओं को बुलाया गया था। ये महिलाएं एक दूसरे को ¨सदूर लगाते समय काफी उत्साहित नजर आई। उनके चेहरे पर वो खुशी साफ झलक रही थी जिन्हें वे शब्दों में बयान करने में असमर्थ थी। आयोजन समिति की सदस्य जया डे ने बताया कि विधवाओं व ट्रांसजेंडर महिलाओं को ¨सदूर खेला में शामिल कर उन्होंने यह संदेश देने की कोशिश की थी कि माता के दरबार में सभी एक समान है। मां का दरबार सभी के लिए खुला है।