जब अधिकारी नदारद तो कैसे दूर हो शिकायत
शासन व सरकार अधिकारियों को कार्यालय समय पर आने व लोगों की समस्याओं का निपटारा करने के लिए सख्त है, लेकिन सरकारी कर्मचारी अपना रवैया बदलने को तैयार नहीं हैं। अधिकांश सरकारी कार्यालयों में कर्मचारी व अधिकारी नदारद रहते हैं,
मुस्तकीम खान, दनकौर : शासन अधिकारियों को कार्यालय समय पर आने व लोगों की समस्याओं का निपटारा करने के लिए सख्त है, लेकिन सरकारी कर्मचारी अपना रवैया बदलने को तैयार नहीं हैं। अधिकांश सरकारी कार्यालयों में कर्मचारी व अधिकारी नदारद रहते हैं, जिससे लोगों की समस्याओं का निपटारा समय से नहीं हो पाती। ऐसा ही नजारा शुक्रवार को दनकौर स्थित विकास खंड कार्यालय में देखने को मिला।
रौनी गांव की दो महिलाएं सविता देवी व संता देवी सहायक विकास अधिकारी (समाज कल्याण) लक्ष्मण ¨सह से पेंशन न मिलने की शिकायत करने पहुंची थी। दोनों महिलाएं उनका घंटों इंतजार करती रही, लेकिन अधिकारी कार्यालय नहीं पहुंचे। फोन पर संपर्क करने पर बताया गया कि वह किसी कार्यक्रम के सिलसिले में तहसील गए हैं। इसके अलावा सैकड़ों अहम दस्तावेज एक अन्य कमरे में रद्दी में बिखरे मिले। कार्यालय में तैनात मनोज कुमार त्यागी, नरेश कुमार त्यागी, विकास खंड अधिकारी अनवार शेख अधिकारी नदारद मिले। कार्यालय में लापरवाही का आलम यह है कि सरकारी दस्तावेज खुले कमरे में इधर-उधर बिखरे पड़े हैं। नाम न छापने की शर्त पर एक कर्मचारी ने बताया कि कुछ समय पहले भी करीब 12 महत्वपूर्ण फाइल कार्यालय से गुम हो गई थी, जिनका आज तक पता नहीं चल सका है। खंड विकास अधिकारी अनवार शेख ने बताया कि उन्हें शासन द्वारा जेवर व दनकौर विकास खंड की जिम्मेदारी दी गई है। उनका कहना है कि सहायक खंड विकास अधिकारी द्वारा गैर जिम्मेदाराना तरीके से सरकारी दस्तावेज रखना अनुचित है। मामले की जांच कराई जाएगी। दोषी पाए जाने पर उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।