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14 लाख लोगों के अनाधिकृत डाटा के साथ कंपनी निदेशक गिरफ्तार

फर्जी कॉल सेंटरों को ठगी के लिए आम लोगों का डाटा मुहैया कराने वाले निजी कंपनी के निदेशक नंदन राव पटेल को यूपी एसटीएफ ने सेक्टर 142 से शनिवार रात गिरफ्तार किया है। आरोपित नंदन मूलरूप से भभुवा कैमूर बिहार का रहने वाला है। यहां सेक्टर 45 स्थित आम्रपाली सफायर सोसायटी स्थित एक फ्लैट में रहता है। आरोपित ने पूछताछ में बताया है कि वह एनिक व‌र्ल्ड कंपनी में निदेशक है। उसके पास से दो मोबाइल एक लैपटाप चार एटीएम छह चेकबुक तीन स्टैंप के अलावा करीब 14 लाख प्वाइंट डाटा विभिन्न ऑन लाइन कंपनियों से संबंधित बरामद हुआ है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 31 Mar 2019 07:38 PM (IST)Updated: Sun, 31 Mar 2019 07:38 PM (IST)
14 लाख लोगों के अनाधिकृत डाटा के साथ कंपनी निदेशक गिरफ्तार
14 लाख लोगों के अनाधिकृत डाटा के साथ कंपनी निदेशक गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, नोएडा :

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फर्जी कॉल सेंटरों को ठगी के लिए लोगों का डाटा मुहैया कराने वाले निजी कंपनी के निदेशक नंदन राव पटेल को यूपी एसटीएफ ने सेक्टर 142 से शनिवार रात गिरफ्तार किया है। आरोपित नंदन मूलरूप से भभुवा कैमूर बिहार का रहने वाला है। यहां सेक्टर 45 स्थित आम्रपाली सफायर सोसायटी स्थित एक फ्लैट में रहता है। आरोपित ने पूछताछ में बताया है कि वह एनिक व‌र्ल्ड कंपनी में निदेशक है। उसके पास से दो मोबाइल, एक लैपटाप, चार एटीएम, छह चेकबुक, तीन स्टैंप के अलावा करीब 14 लाख प्वाइंट डाटा विभिन्न ऑनलाइन कंपनियों से संबंधित बरामद हुआ है। एसटीएफ के अनुसार आरोपित जिस कंपनी में निदेशक है वह ऑनलाइन प्रमोशन मार्केटिग वेबसाइट डवलपमेंट बल्क एसएमएस आदि की सर्विस देती है। आरोपित विभिन्न ऑनलाइन कंपनियों के कुछ कर्मचारियों व दो-तीन अन्य लोगों की मदद से एप व साफ्टवेयर के जरिये उन लोगों का डेटा हैक करता था जो ऑनलाइन पोर्टल के जरिये शॉपिग करते थे। डाटा निकालने वाले कर्मचारियों को दो से तीन रुपये पेमेंट दिया जाता था। हैकिग से प्राप्त डेटा को दिलीप, अनुज, अरूरपाल, सोनू सहित कुछ अन्य लोगों को पांच से छह रुपये में बेंचता था। यह लोग दिल्ली एनसीआर के अलावा बिहार राजस्थान, महाराष्ट्र, पंजाब सहित अन्य जगह चल रहे फर्जी कॉल सेंटरों को डाटा बेंचते थे। यह कॉल सेंटर इन डाटा का इस्तेमाल कर लोगों को विभिन्न प्रकार का झांसा देकर ठगी करते थे। एसटीएफ के अनुसार आरोपित के पास से बरामद डाटा का फोरेंसिक ऑडिट कराया जाएगा। डाटा ब्रीच कहां से हुआ है इस सबंध में भी जांच की जा रही है। फर्जी बैंक अकाउंट किस प्रकार से खोले गए इसमें बैंक कर्मचारियों की मिली भगत की भी जांच हो रही है। बैंक अकाउंट का डिटेल प्राप्त कर कुल धोखाधड़ी के संबंध में जानकारी की जा रही है। एसटीएफ के अनुसार अबतक की जांच में इस गैंग द्वारा 200 करोड़ रुपये तक की ठगी की आशंका है। किराए के खाते में मंगाते हैं ठगी की रकम : आम लोगों से ठगी कर रकम मंगाने के लिए फर्जी कॉल सेंटर संचालक किराये के खाते का इस्तेमाल करते हैं। यह खाते भी फर्जी दस्तावेज पर खुले होते हैं। इसके अलावा विभिन्न एप का इस्तेमाल भी करते हैं। यह एप भी फर्जी नाम व पते पर होते हैं। इस फर्जी खाते व एप में आने वाली रकम को उसके संचालक अपना किराया काटकर इन लोगों तक पहुंचाते हैं। आरोपित कोतवाली सेक्टर 20 में वर्ष 2017 में दर्ज एक मामले में जेल जा चुका है। पूछताछ में पता लगा है कि इस गैंग के खिलाफ नोएडा के अलावा पठानकोट, बेंगलुरु, चंडीगढ़, रायपुर, बीकानेर सहित अन्य जगहों पर पहले से शिकायत दर्ज हैं। इस गैंग का नेटवर्क, नोएडा, गाजियाबाद, दिल्ली सहित पूरे एनसीआर में दर्ज हैं। आरोपित को सेक्टर 36 स्थित साइबर क्राइम गौतमबुद्ध नगर थाने में दर्ज एक एफआइआर में गिरफ्तार किया गया है।


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