Move to Jagran APP

12 फैक्ट्रियां पैकेजिग में इस्तेमाल प्लास्टिक के बराबर करेंगी रीसाइकिल

एनजीटी के आदेश के बाद क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पैकेजिग में प्लास्टिक का इस्तेमाल करने वाली फैक्ट्रियों पर सिकंजा कसना शुरू कर दिया है। बोर्ड ने पांच ब्रांड की 12 फैक्ट्रियों चिहित किया है जहां बड़े पैमाने पर प्लास्टिक का इस्तेमाल उत्पाद के पैकेजिग में होता है। इन्हें प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से एनओसी लेने का निर्देश दिया गया है। अब इन्हें बताना होगा कि फैक्ट्री में वर्ष में कितना प्लास्टिक का इस्तेमाल होता है। उन्हें उतना ही प्लास्टिक का कचरा खरीद कर पंजीकृत रिसाइकिलर को देकर रिसाइकिल कराना होगा।

By JagranEdited By: Published: Mon, 01 Jul 2019 09:29 PM (IST)Updated: Mon, 01 Jul 2019 09:29 PM (IST)
12 फैक्ट्रियां पैकेजिग में इस्तेमाल प्लास्टिक के बराबर करेंगी रीसाइकिल
12 फैक्ट्रियां पैकेजिग में इस्तेमाल प्लास्टिक के बराबर करेंगी रीसाइकिल

जागरण संवाददाता, नोएडा : एनजीटी के आदेश के बाद क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पैकेजिग में प्लास्टिक का इस्तेमाल करने वाली फैक्ट्रियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। बोर्ड ने पांच ब्रांड की 12 फैक्ट्रियों चिह्नित किया है, जहां बड़े पैमाने पर प्लास्टिक का इस्तेमाल उत्पाद की पैकेजिग में होता है। इन्हें प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से एनओसी लेने का निर्देश दिया गया है। अब इन्हें बताना होगा कि फैक्ट्री में वर्ष में कितना प्लास्टिक का इस्तेमाल होता है। उन्हें उतना ही प्लास्टिक का कचरा खरीद कर पंजीकृत रीसाइकिलर को देकर रीसाइकिल कराना होगा।

loksabha election banner

क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी अनिल कुमार सिंह ने बताया कि फैक्ट्रियां उत्पादों की पैकेजिग में प्लास्टिक का इस्तेमाल करती हैं। यह प्लास्टिक उत्पाद के साथ फैक्ट्रियों से निकल कर लोगों तक पहुंचता है। लोग उत्पाद का इस्तेमाल कर प्लास्टिक को फेंक देते हैं, जो पर्यावरण के लिए नुकसानदायक है। इसके चलते एनजीटी ने फैक्ट्री मालिकों की जवाबदेही तय करते हुए उन्हें इस्तेमाल के बराबर प्लास्टिक का कचरा खरीद कर रीसाइकिल करने का निर्देश दिया है। अभी तक पांच ब्रांड पाए गए हैं, जिनकी 12 फैक्ट्रियों में बड़े पैमाने पर प्लास्टिक का इस्तेमाल होता है। यदि एक ही ब्रांड की फैक्ट्री दो राज्य में स्थित है, तो उसे केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से और एक ही राज्य में फैक्ट्री है, तो उसे राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से एनओसी लेनी होगी। अभी तक डीएस ग्रुप ने बोर्ड से एनओसी ली है। अन्य ब्रांड भी प्रस्ताव बना कर भेज रहे हैं। दूध व पानी बेचने वाली फैक्ट्रियों पर भी कसेगा शिकंजा : प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का कहना है कि उत्पाद बनाने वाली फैक्ट्रियों के साथ दूध व पानी बेचने वाली फैक्ट्रियां भी बड़े पैमाने पर प्लास्टिक का इस्तेमाल करती हैं। दूध, दही, पानी समेत अन्य खाद्य व पेय पदार्थो की पैकेजिग में इस्तेमाल प्लास्टिक को लोग कचरे में फेंक देते हैं। यह प्लास्टिक का कचरा प्रदूषण को भारी नुकसान पहुंचा रहा है। इसलिए इन फैक्ट्रियों पर भी शीघ्र शिकंजा कसा जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.