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जिला अस्पताल में मरीज की मौत पर हंगामा, महिला डॉक्टर से हाथापाई, तोड़फोड़

फोटो - 13 से 19 तक जागरण संवाददाता नोएडा जिला अस्पताल में एक 45 वर्षीय व्यक्ति की उपचार

By JagranEdited By: Published: Thu, 06 Aug 2020 09:34 PM (IST)Updated: Thu, 06 Aug 2020 09:34 PM (IST)
जिला अस्पताल में मरीज की मौत पर हंगामा, महिला डॉक्टर से हाथापाई, तोड़फोड़
जिला अस्पताल में मरीज की मौत पर हंगामा, महिला डॉक्टर से हाथापाई, तोड़फोड़

फोटो - 13 से 19 तक

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जागरण संवाददाता, नोएडा :

जिला अस्पताल में एक 45 वर्षीय व्यक्ति की उपचार के दौरान मौत हो गई। स्वजनों ने डॉक्टरों पर घंटों तक इलाज न करने और मौत होने के 4 घंटे बाद भी शव न देने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया, उन्होंने इमरजेंसी वार्ड में ड्यूटी पर तैनात डॉ. डिपल के साथ हाथापाई करते हुए सरकारी दस्तावेज फाड़ डाले। इतना ही नहीं गुस्साए स्वजनों ने इमरजेंसी परिसर में जमकर तोड़फोड़ भी की। हालात बेकाबू होने के बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मामला शांत कराया। उधर, मामले में डॉ. डिपंल ने अभद्रता का आरोप लगाते हुए सेक्टर-20 थाने में तहरीर दी है।

सेक्टर-71 स्थित जनता फ्लैट निवासी कुशलपाल को सुबह करीब 7 बजे सीने में दर्द हुआ। जानकारी होने पर स्वजन आनन-फानन में उन्हें सेक्टर-30 स्थित जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। मृतक की पत्नी लक्ष्मी ने बताया कि अस्पताल में कुशलपाल को काफी देर तक इलाज नहीं मिला। विरोध करने पर स्टाफ ने दवा देकर इमरजेंसी वार्ड में लिटा दिया। करीब आठ बजे महिला चिकित्सक डॉ. डिपल ने उनका चेकअप किया। इसी दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। आरोप है कि इलाज के अभाव में मरीज की मौत हो गई। वहीं बाद में शव देने में आनाकानी शुरू कर दी। शव के इंतजार में वे 4 घंटे अस्पताल में बैठकर बिलखते रहे। दोपहर 1 बजे तक शव न मिलने पर स्वजन आक्रोशित हो गए। उन्होंने इमरजेंसी वार्ड में घुसकर महिला डॉक्टर के साथ हाथापाई की और तोड़फोड़ करते हुए रिकॉर्ड फाड़ डाले। जानकारी होने पर सीएमएस डॉ. वीबी ढाका व डॉ. संतराम समेत दर्जनों डॉक्टर मौके पर पहुंच गए और भीड़ को इमरजेंसी से बाहर खदेड़ा। बाद में पुलिस भी मौके पर पहुंच गई और स्थिति को संभाल लिया।

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स्वजन नहीं चाहते थे मृतक का पोस्टमार्टम

विवाद का कारण मृतक का पोस्टमार्टम रहा। पीड़िता लक्ष्मी ने बताया कि उनके पति कुशलपाल को कोई बीमारी नहीं थी। उन्हें अचानक ही छाती में दर्द हुआ। वह पोस्टमार्टम नहीं चाहते थे। लेकिन डॉक्टर और पुलिस दोनों ने ही शव देने के लिए उन्हें इधर-उधर दौड़ाते रहे। कहा कि उनकी तीनों बेटियां व एक बेटा अपने पिता के शव के लिए कभी जिला अस्पताल तो कभी थाने में भटकते रहे। लेकिन किसी ने उनकी एक न सुनी। इसके बाद उन्होंने विरोध जताया।

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महिला डॉक्टर ने दी तहरीर, कराएंगी एफआइआर

इमरजेंसी वार्ड में घुसकर हाथापाई करने के मामले में डॉ. डिपल ने सेक्टर-20 थाना पुलिस को तहरीर दे दी है। महिला डॉक्टर का आरोप है कि दो पुलिसकर्मियों के उकसाने के बाद स्वजनों ने उनके साथ अभद्रता की है। उन्होंने पुलिसकर्मियों का नाम तहरीर में अंकित करते हुए थाने में तहरीर दी है। साथ ही उन्होंने कहा कि जिन्होंने उनके साथ हाथापाई की है, उन सभी के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराएंगी। चेकअप के 10 मिनट के अंदर ही मरीज की मौत हो गई थी। ऐसे में मौत का कारण जानने के लिए अस्पताल से पुलिस को मीमो भेजा जाता है। उन्होंने 8:30 बजे मीमो भेज दिया। मीमो भेजने के बाद शव स्वजनों को सौंपने की जिम्मेदारी भी पुलिस की होती है। मामले में डॉक्टरों की नहीं बल्कि पुलिस स्तर से लापरवाही बरती गई है।

डॉ. वीबी ढ़ाका, सीएमएस, जिला अस्पताल

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फेस तीन क्षेत्र के रहने वाले एक व्यक्ति की जिला अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हुई थी। शव का पोस्टमार्टम नही कराने को लेकर वहां विवाद व हंगामा हुआ है। इस मामले में अस्पताल की तरफ से मिली शिकायत के आधार पर जांच की जा रही है। जांच के आधार पर कार्रवाई होगी।


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