तिहरे हत्याकांड में वांछित सिपाही ने पुलिस के समक्ष किया समर्पण
मुखबिरी करने वाले धर्मदत्त उर्फ सोनू निवासी बुलंदशहर व शूटर नरेश तेवतिया निवासी जारचा गौतमबुद्धनगर को सबसे पहले गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद कुख्यात सुंदर भाटी के भाई सहदेव व भतीजे अनिल को शामली में गिरफ्तार किया गया था। कुछ दिन बाद 50 हजार के इनामी और घटना में शामिल शूटर अमर सिंह को गाजियाबाद पुलिस ने धर दबोचा था। घटना का कारण बताया गया था कि मुख्य साजिशकर्ता अरूण के पिता की मौत 13 साल पहले सड़क हादसे में हुई थी। वह यूपी पुलिस ने सिपाही थी। अरूण का मानना है कि उसके पिता की मौत सड़क हादसे में नहीं हुई। उनकी हत्या शिव कुमार ने करवाई थी। इसी रंजिश का बदला लेने की नियत से अरूण ने तिहरे हत्याकांड की साजिश रची थी। --- प्रवीण सिंह
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : बिसरख कोतवाली क्षेत्र के तिगरी गोलचक्कर के समीप भाजपा नेता सहित तिहरे हत्याकांड के मामले में फरार चल रहे सिपाही रविद्र ने पुलिस के समक्ष समर्पण कर दिया है। मंगलवार को बिसरख पुलिस सिपाही के घर की कुर्की करने पहुंची थी। सिपाही घर पर ही मिल गया। पुलिस ने उसको गाजियाबाद स्थित घर से गिरफ्तार कर लिया है। हत्या के मुकदमे में बीते दिनों सिपाही रविद्र यादव के भतीजे दारोगा अमित यादव को गिरफ्तार किया था। मामले की जांच एसआइटी गाजियाबाद कर रही है।
उल्लेखनीय है कि नोएडा के बहलोलपुर गांव के रहने वाले भाजपा नेता शिव कुमार यादव, चालक बली नाथ व निजी सुरक्षाकर्मी रईसपाल की बीते 16 नवंबर 2017 की दोपहर हैबतपुर गांव के समीप गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मोटरसाइकिल व स्कूटी सवार बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिग करते हुए भाजपा नेता की कार का आठ सौ मीटर तक पीछा किया था। घटना के दौरान कुल 40 राउंड फायरिग बदमाशों ने की थी। बदमाशों के पीछा करने के दौरान भाग रहे भाजपा नेता की फॉर्च्यूनर कार की चपेट में आने से एक बच्ची की भी मौत हो गई थी। घटना के दौरान कुल चार लोगों की मौत हुई थी। घटना का पर्दाफाश एसटीएफ व जिला पुलिस ने चार दिसंबर 2017 को किया था। तिहरे हत्याकांड में शामिल तीन आरोपित मुख्य साजिशकर्ता अरूण यादव निवासी बहलोलपुर गांव नोएडा, मुखबिरी करने वाले धर्मदत्त उर्फ सोनू निवासी बुलंदशहर व शूटर नरेश तेवतिया निवासी जारचा गौतमबुद्ध नगर को सबसे पहले गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद कुख्यात सुंदर भाटी के भाई सहदेव व भतीजे अनिल को शामली में गिरफ्तार किया गया था। कुछ दिन बाद 50 हजार के इनामी और घटना में शामिल शूटर अमर सिंह को गाजियाबाद पुलिस ने धर दबोचा था। घटना का कारण बताया गया था कि मुख्य साजिशकर्ता अरुण के पिता की मौत 13 साल पहले सड़क हादसे में हुई थी। वह यूपी पुलिस ने सिपाही थे। अरुण का मानना है कि उसके पिता की मौत सड़क हादसे में नहीं हुई। उनकी हत्या शिव कुमार ने करवाई थी। इसी रंजिश का बदला लेने की नियत से अरुण ने तिहरे हत्याकांड की साजिश रची थी।