अभियान : कूड़े को खाद में तब्दील कर धरा का किया जा रहा श्रृंगार
अजब सिंह भाटी ग्रेटर नोएडा समय बीतने के साथ ग्रेटर नोएडा में चारों ओर विकास की बयार बह
अजब सिंह भाटी, ग्रेटर नोएडा
समय बीतने के साथ ग्रेटर नोएडा में चारों ओर विकास की बयार बही। बीते एक दशक के दौरान शहर में गगनचुंबी इमारतों का जाल बिछ गया, लेकिन दशकों बाद भी विकास की कार्यदायी संस्था ठोस कूड़ा निस्तारण की उचित व्यवस्था नहीं कर पाई। स्थिति यह है कि खाली पड़े भूखंडों में मनमाने तरीके से कूड़ा-कचरा ठिकाने लगाया जा रहा है। ठोस कूड़ा निस्तारण को लेकर न तो प्राधिकरण और न ही प्रशासन के पास कोई ठोस योजना है।
नोएडा, ग्रेटर नोएडा में कूड़ा निस्तारण को अस्तौली गांव में बनने वाला डंपिग ग्राउंड कागजों से नहीं निकल पाया है। विभिन्न सोसायटियों में बिल्डर सोसायटी से निकलने वाले कूड़े को आसपास ठिकाने लगा रहे है। हालांकि कुछ सोसायटी ऐसी है जहां बिल्डर सोसायटी से निकलने वाले कूड़े को खाद में तब्दील कर न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अहम योगदान दे रहे है, बल्कि सोसायटी को भी हरा-भरा बना रहे है। उन्हीं में से एक है ग्रेटर नोएडा वेस्ट की गौर सिटी। सोसायटी में ठोस कूड़े के निस्तारण को पिछले कई सालों से मशीन लगी हुई है, जो फ्लैट से निकलने वाले कचरे को जैविक खाद में तब्दील करती है। गौर सिटी एक व दो में विभिन्न एवेन्यू है। करीब 20 हजार परिवार रह रहे हैं। सोसायटी प्रबंधन की माने तो हर दिन प्रत्येक फ्लैट से औसतन डेढ़ किलो कूड़ा निकलता है। बॉक्स
ऐसे खाद में तब्दील होता है कूड़ा
सोसायटी को कूड़ा मुक्त रखने के लिए सभी टावरों में कूड़ेदान रखे गए हैं। फ्लैटों में रहने वाले लोग गीले व सूखे कूड़े को अलग-अलग कूड़ेदान में रखते हैं, जिसे कर्मचारी उठाकर कंपोस्ट मशीन के पास एकत्र कर देते है। गीले कूड़े को आर्गेनिक वेस्ट कम्पोजीटर के जरिए खाद में आसानी से बदला जाता है, जबकि सूखे कूड़े जिसमें धातु, शीशे, प्लास्टिक और पॉलीथिन को अलग कर कबाड़ी को बेच दिया जाता है। सोसायटी प्रबंधन का दावा है कि इस मशीन के जरिए एक साल में 16 लाख किलो कूड़े को खाद में तब्दील किया जा चुका है। पार्कों व पेड़ों में हो रहा खाद का इस्तेमाल
खाद तैयार होने के बाद उसे सोसायटी के पार्कों को हरा-भरा बनाने में प्रयोग किया जाता है। साथ ही सोसायटी के आसपास लगे पेड़-पौधों में भी खाद डाली जाती है। खाद बनने की प्रक्रिया से न केवल कूड़े की आपदा से निवासियों को राहत मिल रही, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सार्थक पहल है।
कूड़ा निस्तरण के लिए सोसायटी के हर टॉवर में मशीन लगी है। ग्रेनो वेस्ट गौर सिटी समेत गौर सौंदर्यम, गौर स्पोर्ट्सवुड, गौड़ अतुल्यम समेत अन्य बिल्डर परियोजनाओं में भी मशीन लगाई गई है। सभी सोसायटियों में कचरा प्रबंधन किया जाए तो शहर को इस समस्या से मुक्त किया जा सकता है।
-मंजू गौड़, डायरेक्टर गौर समूह