आइआरपी पर कसा शिकंजा, जल्द होगी गिरफ्तारी
जागरण संवादाता ग्रेटर नोएडा यमुना एक्सप्रेस वे का संचालन कर रहे इनसाल्वेंसी रीजोल्यूशन प्रो
जागरण संवादाता, ग्रेटर नोएडा : यमुना एक्सप्रेस वे का संचालन कर रहे इनसाल्वेंसी रीजोल्यूशन प्रोफेशनल (आइआरपी) पर पुलिस का शिकंजा कस गया है। मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस ने आइआरपी, आइएमसी और जेपी इंफ्राटेक के अधिकारियों की गिरफ्तारी के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं। यमुना प्राधिकरण की ओर से बुधवार को आइआरपी, जेपी इंफ्राटेक व आइएमसी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। इन पर एक्सप्रेस वे पर सुरक्षा उपायों को लागू करने में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया गया है। मुकदमा दर्ज होते ही एक्सप्रेस वे के संचालकों में खलबली मच गई है। उन्होंने प्राधिकरण अधिकारियों से दावा किया कि एक्सप्रेस वे पर सुरक्षा उपाय लागू करने के लिए 110 करोड़ रुपये का टेंडर जारी कर दिया है।
यमुना एक्सप्रेस वे पर मथुरा जिले में मंगलवार रात हादसे में सात लोगों की मौत हो गई थी। इस हादसे के लिए आइआरपी, आइएमसी और जेपी इंफ्राटेक को जिम्मेदार मानते हुए यमुना प्राधिकरण सीईओ डा. अरुणवीर सिंह के आदेश पर बीटा दो कोतवाली में मामला दर्ज कराया गया था। आइआरपी के अनुज जैन, आइएमसी व जेपी इंफ्राटेक के खिलाफ धारा 283, 431 व आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम 1932 की धारा सात के तहत यह मुकदमा दर्ज किया गया है
आरोप है कि यमुना एक्सप्रेस वे पर आइआइटी दिल्ली के सुझावों को लागू नहीं किया गया। इन सुझावों को लागू करने के लिए मुख्यमंत्री व प्राधिकरण के निर्देशों की अवहेलना की गई है। इस वजह से एक्सप्रेस वे पर हादसों पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। उल्लेखनीय है कि यमुना एक्सप्रेस वे पर हादसे रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट की सड़क सुरक्षा समिति के निर्देश पर आइआइटी दिल्ली से सुरक्षा आडिट कराया गया था। आइआइटी दिल्ली ने एक्सप्रेस वे के दोनों मार्ग के बीच में क्रैश बीम बैरियर लगाने समेत कई अन्य अहम सुझाव दिए थे। 2019 में सौंपी गई इस रिपोर्ट पर अभी तक क्रियान्वयन नहीं हुआ है। यमुना प्राधिकरण की शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। इस मामले में जल्द गिरफ्तारी की जाएगी।
सुजीत उपाध्याय, बीटा दो कोतवाली प्रभारी