युवाओं को नशे में धकेल कर पुलिस भरती रही अपनी जेब
जिस उम्र में युवाओं को कैरियर का नशा होना चाहिए उस उम्र में उन्हें ड्रग्स के आगोश धकेला जा रहा था। यह सब एक्सप्रेस-वे कोतवाली पुलिस महज अपनी जेब भरने के लिए कर रही थी। बताया जा रहा है कि फार्म हाउस पर हर शनिवार को रेव पार्टी आयोजित की जा रही थी। आयोजक अमित त्यागी एक्सप्रेस-वे पुलिस को बकायदा मोटी रकम देता था। एसएसपी वैभव कृष्ण का दावा है कि फार्म हाउस पर अब तक 40 से अधिक पार्टी आयोजित की जा चुकी है।
सुरेंद्र राम, नोएडा :जिस उम्र में युवाओं को करियर का नशा होना चाहिए, उस उम्र में उन्हें ड्रग्स के आगोश धकेला जा रहा था। यह सब एक्सप्रेस-वे कोतवाली पुलिस महज अपनी जेब भरने के लिए कर रही थी। बताया जा रहा है कि फार्म हाउस पर हर शनिवार को रेव पार्टी आयोजित की जा रही थी। आयोजक अमित त्यागी एक्सप्रेस-वे पुलिस को बकायदा मोटी रकम देता था। एसएसपी वैभव कृष्ण का दावा है कि फार्म हाउस पर अब तक 40 से अधिक पार्टी आयोजित हो चुकी हैं।
सूत्र बताते हैं कि पुलिसकर्मी पार्टी में शामिल होने वाले लोगों की संख्या के मुताबिक अपना कमीशन लेते थे। आयोजक 100 लोगों की पार्टी करने पर पुलिस को एक लाख रुपये देते थे। पार्टी में 100 से अधिक लोगों के शामिल होने पर पुलिस का कमीशन 50 हजार से एक लाख रुपये तक बढ़ जाता था। यह सारा खेल स्थानीय पुलिस बड़ी सावधानी से कर रही थी और वरिष्ठ अधिकारियों को भनक तक नहीं लगने दी जा रही थी। बताया जा रहा है कि पिछले दिनों पार्टी में ज्यादा लोगों के शामिल होने पर कमीशन को लेकर पुलिस का आयोजकों से विवाद भी हुआ था। पुलिस को जानकारी देने वाला भी कभी रेव पार्टी में जा चुका है।
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सभी फार्म हाउस पुलिस के निशाने पर
एक्सप्रेस-वे कोतवाली क्षेत्र में काफी संख्या में फार्म हाउस हैं। कुछ फार्म हाउस यमुना नदी के काफी पास स्थित हैं। इस तरफ बहुत कम लोगों का आना-जाना होता है। इसलिए फार्म हाउस में किसी भी तरह की गतिविधि होने पर पुलिस या अन्य किसी की नजर नहीं पड़ती है। इको फार्म हाउस में रेव पार्टी के पर्दाफाश के बाद अब अन्य सभी फार्म हाउस भी पुलिस के निशाने पर आ चुके हैं। एसएसपी वैभव कृष्ण का कहना है कि सभी फार्म हाउसों की जांच की जाएगी।
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यह होती है रेव पार्टी
रेव पार्टी में शराब, ड्रग्स, नाच गाना आदि होता है। ये पार्टियां बड़े गुपचुप तरीके से आयोजित की जाती है और जिनको बुलाया जाता है, वे लोग पार्टी के बारे में अपने सर्किल के बाहर के लोगों को भनक नहीं लगने देते हैं। नशीले पदार्थ बेचने वालों के लिए रेव पार्टियां धंधे के लिहाज से सबसे अधिक आमदनी देने का साधन बन गई हैं। इन पार्टियों में आम लोगों के लिए कोई जगह नहीं है। संपन्न घरों के लड़के व लड़कियों के लिए इसका आयोजन किया जाता है।
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इसलिए रेव पार्टी पर लगा प्रतिबंध
रेव पार्टी में शराब, ड्रग्स, म्यूजिक आदि की आसानी से उपलब्धता के कारण युवाओं पर बुरा असर पड़ रहा है। घर से बाहर अकेले रहने वाले युवा आसानी से इसके आगोश में आ जाते हैं। प्रतिबंधित ड्रग्स को कई गुना कीमत लेकर बेचा जाता है। इन सब वजहों से रेव पार्टी पर शासन ने प्रतिबंध लगा दिया है।
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आधुनिकता की दौड़ में संस्कार भूल रहे युवा
आधुनिकता की दौड़ में युवा संस्कार भूलते जा रहे हैं। पहले परिवार संयुक्त हुआ करते थे और बड़े बुजुर्गों का बच्चों पर दबाव रहता था। अब एकल परिवार का चलन शुरू हो गया है। परिवार में पति-पत्नी और उनके बच्चे ही रहते हैं। पति-पत्नी ड्यूटी चले जाते हैं और बच्चे मनमानी करने लगते हैं। परिवार की बंदिशें खत्म होने से युवाओं के फ्रेंड सर्किल में भी गलत लोग शामिल हो जाते हैं। वे अपने दोस्तों को देखकर शराब व ड्रग्स आदि लेने लगते हैं। नशे के कारोबार में सबसे अधिक कमाई होती है। इसलिए माफिया पुलिस व प्रशासन को पैसों का लालच देकर इस तरह की पार्टी कर युवाओं को नशे की लत लगा रहे हैं। पुलिस और प्रशासन को इस तरह की कार्रवाई लगातार करते रहनी चाहिए।
- डॉ. सुनील अवाना, मनोचिकित्सक