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लोकपाल की जांच में घोटाले की बू

जागरण संवाददाता ग्रेटर नोएडा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनर

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Oct 2020 08:35 PM (IST)Updated: Wed, 21 Oct 2020 08:35 PM (IST)
लोकपाल की जांच में घोटाले की बू
लोकपाल की जांच में घोटाले की बू

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के कार्यो से मनरेगा लोकपाल मेरठ मंडल ने असंतुष्टि जताई है। उन्होंने पिछले दिनों दादरी के छायसा गांव का निरीक्षण किया था। जांच में कार्यो से असंतुष्ट लोकपाल ने बीडीओ व ग्राम प्रधान से अभिलेख प्रस्तुत करने को कहा है, लोकपाल का आरोप है कि देय अवधि समाप्त हो जाने के बाद भी जिम्मेदार अभिलेख नहीं सौंप रहे हैं। इस संबंध में उन्होंने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर अनुरोध किया है। साथ ही शिकायत में सत्यता पाए जाने पर अपनी रिपोर्ट शासन को प्रेषित कर दी है। इससे आला अफसरों में भी खलबली मच गई है। अधिकारी साक्ष्य पेश करने के बजाय लोकपाल को गाइडलाइन का पाठ पढ़ाते नजर आ रहे हैं। गांवों में श्रमिकों की भरमार, फिर भी जॉब कार्ड नहीं मनरेगा में धांधली की शिकायत पर लोकपाल ने गांवों में जाकर शिकायत सुनने के साथ मौके पर कार्यो की पड़ताल शुरू कर दी है। लोकपाल का दावा है कि शिकायतों में सत्यता पाई जा रही है। छायसा गांव की जांच में सामने आया कि गांव में साढ़े चार सौ से अधिक श्रमिक हैं, लेकिन जॉब कार्ड नहीं बने हैं। मनरेगा के तहत गांव में पौधारोपण, तालाब का सुंदरीकरण सहित अन्य काम कराए गए हैं। रिकार्ड में गांव में 800 पौधे लगाए गए, लेकिन निरीक्षण के दौरान एक भी स्थान पर पौधा लगा नहीं मिला। लोकपाल ने बताया कि उन्होंने गांव के निरीक्षण से एक दिन पहले सूचना बीडीओ व ग्राम प्रधान को दे दी थी। सूचना मिलने के बाद गांव के प्राथमिक स्कूल में कुछ पौधे रोपित कर दिए गए। जिसकी बाकायदा वीडियो रिकार्डिग तैयार कराई गई है। आरोप लगाया कि सूचना दिए जाने के बावजूद बीडीओ नहीं पहुंचे। श्रमिकों को नहीं मिला मेहनताना मनरेगा लोकपाल को जिले से करीब 110 शिकायत मिली हैं। जिनमें ज्यादातर शिकायत ऐसी हैं जिनमें काम कराने के बाद श्रमिकों को मेहनताना नहीं मिला है। शादीपुर छिडोली गांव में एक अनपढ़ महिला से फर्जी तरीके से अंगूठा लगवाकर पैसे न देने का मामला भी लोकपाल के संज्ञान में आया है। लोकपाल ने बताया कि निरीक्षण के दौरान कार्यस्थल पर नागरिक सूचना बोर्ड भी नहीं लगे हुए थे। जबकि सूचना बोर्ड कार्य समाप्ति के तुरंत बाद लगाया जाना चाहिए। ताकि ग्रामीणों को मनरेगा के तहत कराए गए कार्यो की जानकारी हो सके। मनरेगा के कार्यो से मैं संतुष्ट नहीं हूं। श्रमिकों के जॉब कार्ड भी नहीं बनाए गए। कोई नागरिक सूचना बोर्ड भी लगा नहीं मिला। जांच कर रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। मजदूरों को उनका हक दिलाया जाएगा।

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-अंशु त्यागी, मनरेगा लोकपाल, मेरठ मंडल लोकपाल के पास मनरेगा के तहत दर्ज शिकायतें

मेरठ-120

बुलंदशहर -78

बागपत-50

गौतमबुद्ध नगर 110


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