एमबीबीएस में दाखिला के नाम पर ठगी करने वाले गैंग ने की थी साथी की हत्या
क्रेक योर कैरियर कंपनी के मैनेजर ऋषि सिंह उर्फ संजीव रावत की हत्या एमबीबीएस दाखिला के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह ने पैसों के बंटवारे के विवाद में की थी। पुलिस ने औरंगाबाद बिहार निवासी नीरज कुमार सिंह उर्फ हरेन्द्र सिंह पाटलीपुत्र पटना बिहार निवासी निखिल गौरव उर्फ समीर राय व आजगमढ़ निवासी धीरेन्द्र कुमार शर्मा को गिरफ्तार कर हत्याकांड व ठगी के धंधे का पर्दाफाश किया है। हत्याकांड में शामिल चार आरोपित अभी फरार है। एमबीए पास नीरज व बीए पास निखिल कमला नगर दिल्ली व बीटेक पास धीरेन्द्र नांगलोई एक्सटेंशन दिल्ली में रहता है।
जागरण संवाददाता, नोएडा : क्रेक योर कैरियर कंपनी के मैनेजर ऋषि सिंह उर्फ संजीव रावत की हत्या एमबीबीएस में दाखिले के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह ने पैसों के बंटवारे के विवाद में की थी। पुलिस ने बिहार के औरंगाबाद निवासी नीरज कुमार सिंह उर्फ हरेन्द्र सिंह, पाटिलपुत्र पटना बिहार निवासी निखिल गौरव उर्फ समीर राय व आजमगढ़ निवासी धीरेन्द्र कुमार शर्मा को गिरफ्तार कर हत्याकांड व ठगी के धंधे का पर्दाफाश किया है। हत्याकांड में शामिल चार आरोपित अभी फरार हैं। एमबीए पास नीरज व बीए पास निखिल कमला नगर दिल्ली व बीटेक पास धीरेन्द्र नांगलोई एक्सटेंशन दिल्ली में रहता है।
एक्सप्रेस वे पुलिस के अनुसार गिरफ्तार दो आरोपित व फरार चार आरोपित घटना के दौरान मौके पर मौजूद थे, जबकि पकड़ा गया एक आरोपित साजिश में शामिल रहा था। पुलिस पूछताछ में पता लगा है कि इस गैंग के सदस्य एमबीबीएस की नीट परीक्षा में बैठने वाले छात्रों का डाटा जुटाकर उनसे व उनके परिजन से संपर्क करते थे व एमबीबीएस में दाखिला दिलाने का झांसा देकर ठगी करते थे। मृतक संजीव भी इसी गैंग का सदस्य था व सेक्टर 4 स्थित दफ्तर में मैनेजर था। उसने कंपनी में काम करने के दौरान मेन बॉडी के लोगों के नाम, मोबाइल व अन्य जानकारी जुटना शुरू कर दिया था। इसकी जानकारी अन्य सदस्यों को हुई थी। वह अपने पास एकत्र जानकारी का फायदा उठा कलेक्शन में बड़े हिस्से की मांग करने लगा था। इसकी वजह से मेन बॉडी में मौजूद लोगों में असंतोष था। इसके बाद असंतुष्ट लोगों ने उसकी हत्या की साजिश रची। आठ सितंबर की रात छह आरोपितों ने सेक्टर 4 स्थित दफ्तर में उसे बैठा कलेक्शन के 65 लाख रुपये के बंटवारे की बात की और शराब पी। इस बीच आरोपित नीरज व अन्य लोगों ने उसके साथ मारपीट की तो वह बेहोश हो गया। पुलिस का दावा है कि इसके बाद नीरज, समीर, विकास, राजेश व अभिषेक ने संजीव को बेहोशी के हालत में नीरज की ब्रेजा कार में डाल लिया। इसके बाद संजीव की कार को आगे व ब्रेजा कार को पीछे-पीछे लेकर आरोपित यमुना के डूब क्षेत्र में ले गए व वहां उसे फेंक कर ब्रेजा कार से कुचल कर हत्या करने के बाद फरार हो गए थे। अगले दिन शव बरामद होने पर एक्सप्रेस वे पुलिस इस हत्याकांड की जांच कर रही थी।
--
यह गैंग दिल्ली एनसीआर सहित अन्य जगहों से सैकड़ों लोगों से एमबीबीएस दाखिला सहित अन्य नाम पर करोड़ो रुपये की ठगी कर चुका है। नोएडा के एक सेंटर से ही करीब 65 लाख की ठगी का पता लगा है। हालांकि यहां से ठगी की कोई शिकायत नहीं मिली थी। ठगी के पैसों के बंटवारे के विवाद में संजीव की हत्या हुई। हत्याकांड में शामिल तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया है व फरार चार आरोपितों को पकड़ने की कोशिश की जा रही है।
वैभव कृष्ण, एसएसपी
--
फरार आरोपित -
- एसएस मसरूल उल हक उर्फ अबसार कादरी उर्फ अनवर निवासी फुलवारी शरीफ पटना बिहार (एमबीए)
- विकास सिंह उर्फ अभिनव पांडेय निवासी चिजावा पटना बिहार (बीएससी)
- राजेश कुर्मी उर्फ दबंग उर्फ प्रकाश यादव निवासी शोर बस्ती, इस्लामपुर नालंदा बिहार (बीएससी)
- अभिषेक आनंद उर्फ विक्रम सिंह निवासी कृष्णापुरी पटना बिहार (एमबीए)
--
बरामदगी -
- एक लाख कैश
- 24 मोहरें
- विजिटर एंट्री रजिस्टर
- छह फाइलें (एमबीबीएस प्रवेश परीक्षा दे चुके परीक्षार्थियों के डाटा से संबंधित)
- नीरज कुमार सिंह उर्फ हरेन्द्र की डायरी
- एक चेन
- मृतक युवक संजीव की स्विफ्ट डिजायर कार
- तीनों आरोपितों के पास से कुल नौ मोबाइल व 12 सौ नकदी