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नींव थी कमजोर, हुआ था घटिया सामग्री का प्रयोग

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा: शाहबेरी में हुए हादसे के बाद पुलिस व प्राधिकरण की टीम ने विभिन्न ची

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Sep 2018 07:05 PM (IST)Updated: Mon, 17 Sep 2018 07:05 PM (IST)
नींव थी कमजोर, हुआ था घटिया सामग्री का प्रयोग
नींव थी कमजोर, हुआ था घटिया सामग्री का प्रयोग

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा:

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शाहबेरी में हुए हादसे के बाद पुलिस व प्राधिकरण की टीम ने विभिन्न चीजों का निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार की थी। रिपोर्ट एडीएम दिवाकर ¨सह को सौंपी गई थी। एडीएम ने रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी है। मामले की जांच के लिए मेरठ मंडल कमिश्नर अनीता मेश्राम के नेतृत्व में एक कमेटी बनाई गई है। कमेटी ने सोमवार को एडीएम के नेतृत्व में शाहबेरी का स्थलीय निरीक्षण किया। रिपोर्ट के आधार पर कमेटी जल्द कार्रवाई कर सकती है।

शाहबेरी में गिरी बि¨ल्डग के मलबे के नमूने को भी जांच के लिए लैब भेजा गया था। सूत्रों की माने तो कमेटी ने जो रिपोर्ट दी है उसमें बताया है कि बि¨ल्डग की नींव कमजोर थी। बि¨ल्डग में लगाया गया सरिया, छह मंजिला बि¨ल्डग के हिसाब से नहीं था। साथ ही अन्य निर्माण सामग्री भी गुणवत्ता पर खरी नहीं पाई है। प्रशासन ने विस्तृत रिपोर्ट का अध्ययन शुरू कर दिया है। रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई के लिए कमिश्नर अनीता मेश्राम के नेतृत्व में बनी कमेटी जांच करेगी। कमेटी ने सोमवार को गांव का स्थलीय निरीक्षण किया। यह देखा कि गांव में कितने स्थानों पर अवैध बि¨ल्डग का निर्माण किया गया है। कमेटी ने गांव में कुछ लोगों से वार्ता भी की। जांच में पाए गए ¨बदुओं को नोट किया। रिपोर्ट के आधार पर कमेटी जल्द ही अपनी अंतिम रिपोर्ट तैयार करेगी।

सूत्रों की मानें तो रिपोर्ट के आधार पर कुछ लोगों पर गाज गिरनी तय हैं। इसमें ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के कुछ अधिकारी व कर्मचारी का नाम आ सकता है। ज्ञात हो कि शाहबेरी गांव में 17 जुलाई को छह-छह मंजिल की दो बि¨ल्डग गिर गई थी। बि¨ल्डग के नीचे दबने से नौ लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद जांच के लिए कमेटी का गठन किया गया था। घटना के कुछ दिन बाद प्राधिकरण द्वारा दी गई रिपोर्ट के आधार पर 24 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया था।

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वर्जन

रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी गई है। रिपोर्ट में पाया गया है कि बि¨ल्डग के हिसाब से सरिया कमजोर लगा था। साथ ही निर्माण भी अच्छी गुणवत्ता का नहीं था।

दिवाकर ¨सह, एडीएम


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