50 फीसद आक्सीजन के भरोसे सौ फीसद संक्रमित
जागरण संवाददाता नोएडा कोविड अस्पतालों में जरूरत के हिसाब से आक्सीजन की आपूर्ति नहीं हो
जागरण संवाददाता, नोएडा :
कोविड अस्पतालों में जरूरत के हिसाब से आक्सीजन की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। सक्रिय संक्रमितों के हिसाब से जिले को प्रतिदिन 60 मीट्रिक टन आक्सीजन की जरूरत पड़ रही है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग सिर्फ 30 मीट्रिक टन का ही इंतजाम कर पा रहा है। लिहाजा, आक्सीजन के अभाव में संक्रमितों की सांसें उखड़ रही हैं। सोमवार रात सेक्टर-39 स्थित कोविड अस्पताल में अचानक आक्सीजन की आपूर्ति बाधित हो गई। कर्मचारियों ने आक्सीजन के लिए 100 से ज्यादा बार कंपनी में काल किया, लेकिन 40 मिनट तक आक्सीजन नहीं मिली। इस स्थिति में आसोलेशन वार्ड में संक्रमितों ने हांफना शुरू कर दिया।
जिले में करीब 18 कोविड अस्पताल है, इनमें दो एल-3 व 16 एल-2 श्रेणी के है। वहीं, जिला प्रशासन कुछ नए कोविड अस्पताल शुरू करने की योजना बना रहा है। वर्तमान में सभी कोविड अस्पतालों में लगभग 1500 से अधिक बिस्तरों पर आक्सीजन की सुविधा है। हालात यह है कि सभी आक्सीजन बिस्तरों पर संक्रमित भर्ती हैं। चिकित्सकों के अनुसार आक्सीजन की खपत तेजी से बढ़ती जा रही है। आक्सीजन सपोर्ट पर भर्ती संक्रमित प्रत्येक दो घंटे में 60 से ज्यादा सिलेंडर खाली कर रहे हैं। ऐसे में अस्पतालों में आक्सीजन की मारामारी शुरू हो गई है। सोमवार रात अचानक सेक्टर-39 स्थित कोविड अस्पताल में आक्सीजन की आपूर्ति बाधित हो गई। कोविड अस्पताल के चिकित्सक डॉ. एस मिश्रा ने बताया कि आक्सीजन रुकते ही संक्रमितों ने हांफना शुरू कर दिया तथा हालात बद से बदतर होने लगे। कर्मचारी करीब 40 मिनट तक एनॉक्स कंपनी को सप्लाई के लिए फोन करते रहे, लेकिन किसी ने जवाब नहीं दिया। 40 मिनट बाद आक्सीजन आई, उसके बाद ही संक्रमितों को राहत मिली।
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एंबुलेंस में 70 संक्रमितों को पड़ रही आक्सीजन की जरूरत
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार रोज 70 से अधिक संक्रमितों को एंबुलेंस में आक्सीजन सपोर्ट पर अस्पताल पहुंचाया जा रहा है। बीते एक सप्ताह तक 40 संक्रमितों को आक्सीजन पर अस्पताल ले जाया जा रहा था, लेकिन अब संख्या बढ़ गई है। कोविड अस्पतालों में भी आइसीयू में भर्ती संक्रमित को 24 घंटे आक्सीजन की जरूरत पड़ रही है।
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कोट :
अस्पतालों में आक्सीजन की कमी है। पर्याप्त मात्रा में आक्सीजन की उपलब्धता के लिए आसपास के जिलों की कंपनियों से संपर्क किया जा रहा है।
- डॉ. दीपक ओहरी, सीएमओ