हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ यमुना प्राधिकरण पहुंचा सुप्रीम कोर्ट
जागरण संवाददाता ग्रेटर नोएडा इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ यमुना प्राधिकरण सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है।
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ यमुना प्राधिकरण सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। प्राधिकरण ने किसानों को 64.7 फीसद अतिरिक्त मुआवजे के प्रदेश सरकार का शासनादेश रद करने के हाई कोर्ट के फैसले को सर्वोच्च अदालत में शेष याचिका दायर कर चुनौती दी है। प्रदेश सरकार भी इस मामले में विशेष याचिका दाखिल कर चुकी है। दोनों याचिका पर एक साथ सुनवाई होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा व ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को जमीन अधिग्रहण से प्रभावित किसानों को 64.7 फीसद अतिरिक्त मुआवजा देने का आदेश दिया था। इसकी तर्ज पर प्रदेश सरकार ने तत्कालीन कैबिनेट मंत्री चौधरी राजेंद्र सिंह की समिति की रिपोर्ट के आधार पर यमुना प्राधिकरण के प्रभावित किसानों को भी 64.7 फीसद अतिरिक्त मुआवजा देने का शासनादेश जारी किया था। मुआवजे की रकम प्राधिकरण ने आवंटियों से वसूल कर किसानों को वितरित कीं। इसके लिए आवंटियों पर 1330 रुपये प्रति वर्गमीटर का बोझ डाला गया था। कुछ आवंटियों ने इसके खिलाफ इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए प्रदेश सरकार के शासनादेश को रद कर दिया था। साथ ही कहा था कि प्राधिकरण को आदेश देने का अधिकार प्रदेश सरकार को नहीं है।
शासनादेश रद होने तक यमुना प्राधिकरण 80 फीसद किसानों को अतिरिक्त मुआवजे के करीब ढाई हजार करोड़ रुपये वितरित कर चुका था। प्रभावित किसानों ने प्राधिकरण पर दबाव बनाना शुरू कर दिया था। प्राधिकरण ने किसानों से वादा किया था कि वह हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगा। इसके तहत प्राधिकरण ने विशेष याचिका दाखिल कर दी है। प्रदेश सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अटार्नी जनरल तुषार मेहता व यमुना प्राधिकरण की ओर से मुकुल रोहतगी पैरवी करेंगे। हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ प्राधिकरण ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष याचिका दाखिल की है। वरिष्ठ अधिवक्ता प्राधिकरण की पैरवी कोर्ट में करेंगे। प्राधिकरण किसानों के हक के लिए प्रतिबद्ध है।
डॉ. अरुणवीर सिंह, सीईओ यमुना प्राधिकरण