लघु सचिवालय व अदालत से कुछ दूरी पर गोली चलने से सनसनी
किन्नरों के बीच इलाके में वर्चस्व को लेकर कई बार संघर्ष हो चुका है।
आदित्य राज, गुरुग्राम
दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे की सर्विस लेन पर राजीव चौक के नजदीक पुलिस बूथ के सामने गोली चलाए जाने की वारदात ने सुरक्षा व्यवस्था के ऊपर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है। वारदात से लघु सचिवालय एवं जिला अदालत परिसर में हड़कंप मचा रहा। अधिकतर लोगों को शुरू में विश्वास ही नहीं हुआ। जब सच्चाई सामने आई तो सभी के होश उड़ गए।
बुधवार सुबह अदालत में पेशी से आ रही किन्नर मीनू के ऊपर बाइक सवार तीन बदमाशों ने ताबड़तोड़ चार गोलियां चलाईं। उनमें से तीन गोली उसे लगी, जिस जगह को बदमाशों ने वारदात को अंजाम देने के लिए चुना वह लघु सचिवालय एवं जिला अदालत परिसर से 100 मीटर की दूरी पर है। लघु सचिवालय में जिला उपायुक्त सहित कई विभागों के आला अधिकारी बैठते हैं। यही नहीं पुलिस महकमे के भी कई आला अधिकारी बैठते हैं। जिला अदालत परिसर के भीतर व बाहर भी पुलिस तैनात रहती है। इसके बाद भी महज 100 कदम की दूरी पर वारदात को अंजाम दिया गया। इससे साफ है कि बदमाशों को पता था कि कहां से कैसे निकलना है।
अदालत परिसर से चंद कदम की दूरी पर गोली चलाना गंभीर मामला है। इससे अधिक सुरक्षित इलाका कहां है? पुलिस महकमा इस विषय पर विचार करे। आगे से ऐसी वारदात न हो, इसके लिए सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करना चाहिए।
--- रामबीर सिंह, अधिवक्ता अदालत परिसर के भीतर आने वाले जितने भी रास्ते हैं, उन रास्तों के प्रवेश की जगह मेटल डिटेक्टर लगाने के ऊपर जोर देना चाहिए। हजारों लोग प्रतिदिन अदालत परिसर में आते हैं। मेटल डिटेक्टर से ही जांच संभव है। इस विषय पर जल्द से जल्द ध्यान दिया जाए।
-- राहुल चौहान, अधिवक्ता लघु सचिवालय एवं अदालत परिसर से कुछ कदम की दूरी पर गोली चलाए जाने की वारदात चिता का विषय है। चारों तरफ पुलिसकर्मी खड़े रहते हैं। इसके बाद भी बाइक सवार बदमाशों ने वारदात को अंजाम दिया। सुरक्षा व्यवस्था पर काम काफी काम करने की आवश्यकता है।
--- विनोद राव, अधिवक्ता राजीव चौक के नजदीक पुलिस बूथ के सामने गोली चलाए जाने की घटना बहुत ही गंभीर है। पता किया जाना चाहिए कि आखिर बदमाश कैसे हथियार लेकर वहां तक पहुंचे। चारों तरफ पुलिस तैनात रहती है। उसके बीच हथियार लेकर पहुंचना ही बड़ी घटना है।
--- जितेंद्र कौशिक, अधिवक्ता बॉक्स
कई बार हो चुके हैं किन्नरों के बीच खूनी संघर्ष
किन्नरों के बीच इलाके में वर्चस्व को लेकर कई बार संघर्ष हो चुका है। वर्चस्व को लेकर ही खेड़कीदौला टोल प्लाजा पर 28 नवंबर 2018 को रजनी गुट एवं मीनू गुट के बीच खूनी संघर्ष हुआ था। उसी दौरान गोली लगने से रजनी की मौत हो गई थी। मामले में मीनू सहित कई किन्नरों को गिरफ्तार किया गया था। कुछ जमानत पर है जबकि कुछ अभी भी जेल में ही बंद हैं। जेल में बंद आरोपितों में पिडा भी शामिल है। आरोप है कि उसी ने रजनी के ऊपर गोली चलाई थी। बताया जाता है कि रजनी गुट एवं मीनू गुट के बीच इसी महीने 10 फरवरी को समझौता हो गया था। इसके बाद ही 11 फरवरी को मीनू जमानत पर बाहर आई थी। बाहर आने के बाद वह मानेसर में किराये पर रह रही थी।