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एमएसएमई के सहयोग से प्रदेश बनेगा एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था : सिद्धार्थ नाथ सिंह

देश को पांच ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था बनाने के प्रधानमंत्री के सपने को पूरा करने में उत्तर प्रदेश अहम भूमिका निभाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि प्रदेश भी वर्ष 2024 तक एक ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनेगा। इसकी शुरुआत शनिवार को ग्रेटर नोएडा से हो चुकी है। इसमें लघु सुक्ष्म एवं मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) का काफी योगदान होगा। अब हर महीने उद्यमियों के साथ बैठक की जाएगी। इसमें उनकी समस्याओं का समाधान किया जाएगा। यह बातें एमएसएमई कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने उद्यमियों को संबोधित करते हुए कहीं। वह यहां लघु उद्योग भारती की तरफ से आयोजित बैठक में हिस्सा लेने इंडिया एक्सपो मार्ट पहुंचे थे। इस दौरान एमएसएमई उद्योग राज्य मंत्री चौधरी उदयभान सिंह भी मौजूर रहे। सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि पूरे भारत का एमए

By JagranEdited By: Published: Sat, 16 Nov 2019 08:24 PM (IST)Updated: Sat, 16 Nov 2019 08:24 PM (IST)
एमएसएमई के सहयोग से प्रदेश बनेगा एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था : सिद्धार्थ नाथ सिंह
एमएसएमई के सहयोग से प्रदेश बनेगा एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था : सिद्धार्थ नाथ सिंह

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : देश को पांच ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था बनाने के प्रधानमंत्री के सपने को पूरा करने में उत्तर प्रदेश अहम भूमिका निभाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप प्रदेश भी वर्ष 2024 तक एक ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनेगा। इसकी शुरुआत शनिवार को ग्रेटर नोएडा से हो चुकी है। इसमें लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) का काफी योगदान होगा। अब हर महीने उद्यमियों के साथ बैठक की जाएगी। यह बातें प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने उद्यमियों को संबोधित करते हुए कहीं। वह यहां लघु उद्योग भारती की तरफ से आयोजित बैठक में हिस्सा लेने इंडिया एक्सपो मार्ट पहुंचे थे। इस दौरान एमएसएमई उद्योग राज्य मंत्री चौधरी उदयभान सिंह भी मौजूर रहे।

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सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र देश में 80 फीसद लोगों को रोजगार देने में सक्षम है। इन उद्योगों की अनदेखी नहीं की जा सकती। सरकार जल्द एमएसएमई एक्ट लाने जा रही है। इससे व्यापार करने में काफी सहूलियत होगी। साथ ही लाइसेंस मिलने में होने वाली कठिनाइयां भी दूर होंगी।

उन्होंने बताया कि डिस्ट्रिक्ट इंडस्ट्री सेंटर का नाम बदलकर डिस्ट्रिक्ट इंडस्ट्रीयल प्रमोशन एन्टरप्रिन्योर डेवलपमेंट (डीआइपीईडी) किया जा रहा है। बैठक में उद्यमियों ने भी अपनी सभी समस्याओं को पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्मय से उनके समक्ष रखा। इस दौरान लघु उद्योग भारती के प्रदेश अध्यक्ष जनक भाटिया ने कहा कि भारत के व्यापार का मूल आधार सूक्ष्म व लघु उद्योग है। इससे अभी तक भारत में मंदी का वह दौर नहीं आया, जो अन्य विकसित देशों में आया है। इस पर प्रदेश के प्रमुख सचिव (एमएसएमई) नवनीत सहगल व एमएसएमई आयुक्त गौरव दयाल ने आश्वस्त किया कि उद्यमियों का दृष्टिकोण प्रदेश और राष्ट्रहित में है। औद्योगिक प्राधिकरण के माध्यम से सिगल विडो समाधान के जरिये सभी समस्याओं का निराकरण किया जाएगा। इस दौरान लघु उद्योग भारती की जिलाध्यक्ष मंजुला मिश्रा, सह सचिव डॉक्टर चंचल कुमार आदि उपस्थित रहे। 300 एकड़ भूमि पर बनाया जाएगा लघु उद्योग भारती हब : कैबिनेट मंत्री ने बैठक में यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में 300 एकड़ भूमि पर लघु उद्योग भारती हब बनाने की बात कही। इसके लिए जमीन टेक्सटाइल पार्क के बगल में दी जाएगी। उन्होंने कहा यहां पर प्रदेश सरकार के सहयोग से तीन हजार करोड़ रुपये का निवेश होगा। 1,500 करोड़ रुपये का निवेश जमीन और 1,500 करोड़ रुपये का निवेश निर्माण आदि कार्य किया जाएगा। इसके लिए यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों से बातचीत हो चुकी है। हब बनने से यहां पांच सौ एमएसएमई इकाइयां लगेंगी। इससे 60 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। इसको लेकर जल्द ही शासन स्तर से औपचारिकता पूरी कर कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।


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