एसओजी में उगाही की बंटरबाट का पर्दाफाश, टीम भंग
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : विशेष आपरेशन के लिए पुलिस विभाग में गठित स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओज
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा :
विशेष आपरेशन के लिए पुलिस विभाग में गठित स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) द्वारा जिले में कारोबारी व व्यापारियों से अवैध उगाही का पर्दाफाश हुआ है। मामले का भंडाफोड़ एसओजी में तैनात दो सिपाहियों के बीच अवैध उगाही की रकम के बंटवारे को लेकर हुए विवाद के बाद हुआ। मामला इतना बढ़ गया कि पुलिसकर्मियों ने एक-दूसरे के ऊपर सरकारी हथियार तान दिए। विवाद के बाद एक सिपाही ने वसूली की पूरी सूची डीजीपी को ट्वीट कर दी। इसमें दो अधिकारियों का भी जिक्र है। मामले में प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों ने कड़ी नाराजगी जताई है। एसएसपी डा. अजय पाल शर्मा ने एसओजी की पूरी टीम को भंग कर सभी को पुलिसलाइन में अटैच कर दिया। एसओजी के प्रभारी संजीव कुमार व दोनों सिपाहियों को सस्पेंड कर जांच पुलिस अधीक्षक नगर अरुण कुमार ¨सह को सौंपी गई है।
एसओजी टीम में जिले के 16 पुलिसकर्मी थे। इनका काम विशेष आपरेशन के जरिए मामलों का पर्दाफाश करना होता है। मूल मकसद से हटकर पुलिस टीम अवैध उगाही में संलिप्त हो गई। सूत्रों की माने तो टीम के द्वारा हर माह लाखों रुपये की वसूली की जाती है। वसूली का जिम्मा एक पुलिसकर्मी (ठेकेदार) को दिया गया था। सारा हिसाब-किताब उसी के द्वारा किया जाता है। कुछ दिन पहले ठेकेदार बने एक सिपाही से यह काम लेकर दूसरे सिपाही को दे दिया गया। उसके नेतृत्व में टीम के दूसरे सदस्य अवैध उगाही में मदद कर रहे थे। माह के अंत में अवैध उगाही की रकम सभी सदस्यों में कद के हिसाब से बंट जाती है। पिछले तीन माह से व्यापारी और कारोबारियों से वसूली तो हो रही थी, लेकिन रकम का हिस्सा सभी सदस्यों को नहीं दिया जा रहा था। पुराने ठेकेदार ने नए ठेकेदार बने सिपाही पर रकम हड़पने का आरोप लगाया। वहीं उगाही की रकम में हिस्सा न मिलने से टीम के अन्य सदस्यों में नाराजगी चल रही थी। पैसे के लेनदेन को लेकर शुक्रवार सुबह विभाग के नए व पुराने ठेकेदार सिपाही के बीच तू-तू-मैं-मैं होने लगी। बीच बचाव कर दूसरे लोगों ने विवाद शांत कराने का प्रयास किया, लेकिन दोनों सिपाही शांत नहीं हुए। दोनों के बीच जमकर नोकझोंक हुई। पूरी टीम अलग-अलग खेमे में बंट गई। सभी ने एक-दूसरे के ऊपर उगाही के बड़े-बड़े आरोप लगाए। बताया जाता है कि इस दौरान पुलिसकर्मियों ने एक-दूसरे के ऊपर सरकरी हथियार भी तान दिए। झल्लाए एक ठेकेदार ने वसूली व खर्च का सारा लेखा-जोखा डीजीपी ट्वीट कर दिया। इससे लखनऊ तक में हड़कंप मच गया। मामले में वरिष्ठ अधिकारियों के फोन आने शुरू हो गए। इसके बाद एसएसपी ने पूरी टीम को भंग कर दिया। मामले में कार्रवाई करते हुए पूरी टीम को भंग कर दिया गया है। टीम के प्रभारी संजीव कुमार व दो सिपाहियों को सस्पेंड किया गया है। जांच पुलिस अधीक्षक नगर को सौंपी गई है। जांच के बाद कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वसूली करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। उनके ऊपर मामला दर्ज किया जाएगा।
डा. अजय पाल शर्मा, एसएसपी