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मजदूर दंपती के लिए वारदान बनी आयुष्मान योजना

केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी स्वास्थ्य योजना आयुष्मान भारत शहर में रहकर मजदूरी करने दंपति के लिए बुढ़ापे का सहारा बनी है। सीवियर एनीमिया की शिकार मजदूर की पत्नी का इलाज आयुष्मान योजना के तहत जिला अस्पताल में चल रहा है। निश्शुल्क इलाज कराकर मजदूर दंपति के चेहरे की खोई हुई मुस्कान भी वापस लौटी है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 10 Aug 2019 08:51 PM (IST)Updated: Sat, 10 Aug 2019 08:51 PM (IST)
मजदूर दंपती के लिए वारदान बनी आयुष्मान योजना
मजदूर दंपती के लिए वारदान बनी आयुष्मान योजना

जागरण संवाददाता, नोएडा :

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केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी स्वास्थ्य योजना आयुष्मान भारत शहर में रहकर मजदूरी करने वाले दंपती के वरदान साबित हुई है। सीवियर एनीमिया की शिकार मजदूर की पत्नी का इलाज आयुष्मान योजना के तहत जिला अस्पताल में चल रहा है।

मूलरूप से हरदोई के जैतपुर निवासी सरदार दुलैया (74) नोएडा में रहकर मजदूरी करते है। साथ में पत्नी राम दुलारी (45) भी रहती हैं। करीब एक साल पहले उन्हें जब उन्हें पता चला कि पत्नी को सीवियर एनीमिया (खून की कमी) है। मजदूर दंपती के पैरों तले जमीन खिसक गई। इलाज के लिए सरकारी से लेकर निजी अस्पतालों के चक्कर काटने लगे। सभी जगह डॉक्टरों ने इलाज में लाखों रुपये का खर्च बताया। थक हारकर जिला अस्पताल पहुंचे। यहां पर्चा काउंटर के बाहर आयुष्मान मित्र बोर्ड लगा था। यहां आयुष्मान महिला मित्र से जानकारी पर पता चला कि वह और उनकी पत्नी आयुष्मान लाभार्थी हैं। इस योजना के तहत उन्हें पांच लाख रुपये का इलाज नि:शुल्क करा सकते हैं। इसके बाद पत्नी को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया। इलाज से पहले महिला का जो हीमोग्लोबिन दो था वह अस्पताल में भर्ती होने के बाद बढ़कर आठ के करीब पहुंच गया है। महिला की सेहत में लगातार सुधार हो रहा है।

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क्या है सीवियर एनीमिया : जिला अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. संतराम ने बताया कि एनीमिया एक गंभीर समस्या है। शरीर में आयरन की कमी से एनीमिया होता है। समय रहते उपचार न होने पर यह जानलेवा हो सकता है। स्वस्थ महिला के शरीर में हीमोग्लोबिन का सामान्य स्तर 11-12 ग्राम प्रति डीएल होता है। अगर यह स्तर 9-7 ग्राम प्रति डीएल हो तो यह माइल्ड एनीमिया होता है, जो खानपान में बदलाव लाकर ठीक हो सकता है। यह स्तर 6-4 ग्राम प्रति डीएल हो तो इसे सीवियर एनीमिया कहते हैं। एनीमिया ठीक होने में छह से नौ महीने का समय लग जाता है।

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आयुष्मान लाभ दिलाने में जिले को दूसरा स्थान : आयुष्मान योजना के तहत मरीजों को लाभ दिलाने के लिए मामले में मेरठ मंडल में गौतमबुद्ध नगर को दूसरा स्थान मिला है। प्रदेश स्तरीय रैंकिग में जिला 17वें पायदान से उतरकर 16वें पायदान पर पहुंचा है। योजना के तहत जिले में 31 सरकारी और निजी अस्पतालों में कुल 2250 मरीजों का इलाज हो चुका है।

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