आज फिर ताजा होंगी शिकागो सम्मेलन की यादें
आज फिर ताजा होंगी शिकागो सम्मेलन की यदेंआज फिर ताजा होंगी शिकागो सम्मेलन की यदेंआज फिर ताजा होंगी शिकागो सम्मेलन की यदेंआज फिर ताजा होंगी शिकागो सम्मेलन की यदेंआज फिर ताजा होंगी शिकागो सम्मेलन की यदेंआज फिर ताजा होंगी शिकागो सम्मेलन की यदेंआज फिर ताजा होंगी शिकागो सम्मेलन की यदेंआज फिर ताजा होंगी शिकागो सम्मेलन की यदेंआज फिर ताजा होंगी शिकागो सम्मेलन की यदेंआज फिर ताजा होंगी शिकागो सम्मेलन की यदेंआज फिर ताजा होंगी शिकागो सम्मेलन की यदेंआज फिर ताजा होंगी शिकागो सम्मेलन की यदेंआज फिर ताजा होंगी शिकागो सम्मेलन की यदेंआज फिर ताजा होंगी शिकागो सम्मेलन की यदें
जागरण संवाददाता, नोएडा : जब भी स्वामी विवेकानंद के नाम का जिक्र होता है, उनके शिकागो में विश्व धर्म सम्मेलन में दिए गए भाषण की चर्चा जरूर होती है। आज से ठीक सवा सौ साल पहले 11 सितंबर 1893 को स्वामी विवेकानंद ने अमेरिका में भारतीयों का सीना गर्व से ऊंचा किया था। आज शहर में शिकागो सम्मेलन की यादें एक बार फिर ताजा होने जा रही हैं। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की महिला शाखा राष्ट्रसेविका समिति के संस्कृता विचार मंच के संयोजन में नोएडा के सेक्टर छह स्थित इंदिरा गांधी कला केंद्र में रविवार को अपराह्न तीन बजे देश भर के बुद्धिजीवी एक बार फिर भारत को विश्वगुरु बनाने का संकल्प लेंगे।
नोएडा महानगर की प्रबुद्ध वर्ग की संयोजिका प्रोफेसर डॉ वंदना पांडेय ने बताया कि 'सांस्कृतिक प्रदूषण: चितन एवं निराकरण विषय' पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित होंगे। संघ की अखिल भारतीय बौद्धिक प्रमुख डॉ शरद रेणु व साध्वी समाहिता मुख्य वक्ता होंगी। प्रोफेसर वंदना पांडेय के अनुसार राष्ट्र सेविका समिति देश की सांस्कृतिक मूल्यों व धरोहरों की रक्षा के लिए काम कर रहा है। संरक्षण, समर्पण व संवर्धन की संकल्पना के साथ आम जन को देश के पुरातन गौरव से जोड़ना ही इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य है। स्वामी विवेकानंद ने जो शुरुआत आज से सवा सौ साल पहले की थी वह आज भी हर भारतीय के मन मस्तिष्क में गहराई तक बसी है। यही कारण है कि शिकागो सम्मेलन की 126 वीं सालगिरह पर बौद्धिक चितन के लिए यह सम्मेलन हो रहा है।