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गुर्जरों के गढ़ से 42 सीटों पर जीत की कुंजी की तलाश

मनीष तिवारी ग्रेटर नोएडा पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 42 विधानसभा सीटों पर गुर्जर मतदाता निर्णायक स्थिति में हैं। दादरी को गुर्जरों का गढ़ माना जाता है। सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा अनावरण पर गुर्जर शब्द न लिखने को लेकर समाज में भाजपा के प्रति नाराजगी की बात सामने आई थी। हालांकि बाद में प्रतिमा पर गुर्जर लिखकर नाराजगी को दूर करने का प्रयास हुआ।

By JagranEdited By: Published: Fri, 28 Jan 2022 09:10 PM (IST)Updated: Fri, 28 Jan 2022 09:10 PM (IST)
गुर्जरों के गढ़ से 42 सीटों पर जीत की कुंजी की तलाश
गुर्जरों के गढ़ से 42 सीटों पर जीत की कुंजी की तलाश

मनीष तिवारी, ग्रेटर नोएडा: पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 42 विधानसभा सीटों पर गुर्जर मतदाता निर्णायक स्थिति में हैं। दादरी को गुर्जरों का गढ़ माना जाता है। सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा अनावरण पर गुर्जर शब्द न लिखने को लेकर समाज में भाजपा के प्रति नाराजगी की बात सामने आई थी। हालांकि, बाद में प्रतिमा पर गुर्जर लिखकर नाराजगी को दूर करने का प्रयास हुआ। केंद्रीय गृहमंत्री मंत्री अमित शाह ने दादरी विधानसभा में उपस्थिति दर्ज कर दादरी समेत पश्चिम उत्तर प्रदेश के 42 विधानसभा क्षेत्र में गुर्जरों को साधने की कोशिश की है। गुर्जर समाज के कद्दावर नेताओं से भी वार्ता की है। अब 10 मार्च का परिणाम बताएगा कि भाजपा का यह प्रयास आखिरकार कितना रंग लाया।

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प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले वर्ष सितंबर में दादरी में सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा का अनावरण किया था। प्रतिमा के नीचे गुर्जर शब्द न लिखा होने से प्रदेश की राजनीति में हलचल मच गई थी। विधानसभा चुनाव नजदीक देख दूसरे राजनीतिक दलों ने इस मुद्दे को भरपूर हवा दी। मुख्य वजह यह है कि नोएडा, दादरी, जेवर, लोनी, हसनपुर, किठौड़, गढ़, देवबंद, दक्षिण मेरठ, सरधना, कैराना, मीरापुर, मुजफ्फरनगर, धामपुर, हसनपुर सहित 42 विधानसभा सीटों पर गुर्जर समाज प्रत्याशी की जीत में अहम भूमिका अदा करता है। इसमें अधिकतर सीटों पर पहले और दूसरे चरण में ही मतदान होना है। विधानसभा चुनाव में भाजपा के सामने दादरी सीट को बचाने के साथ ही 42 सीटों पर गुर्जर समाज की नाराजगी दूर कर उन्हें अपने साथ लाने की भी चुनौती है। गुर्जर समाज की नाराजगी का केंद्र बिदु दादरी ही था।

दरअसल, दादरी विधानसभा में लगभग दो लाख गुर्जर मतदाता हैं। भाजपा नेताओं को लग रहा है कि कहीं गुर्जर समाज की नाराजगी से विधानसभा चुनाव में नुकसान न हो जाए। ऐसे में यह सीट पार्टी के लिए बेहद खास हो गई है। हाल में प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने भी दादरी विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं से घर-घर पहुंचकर जनसंपर्क किया था। बृहस्पतिवार को गृहमंत्री अमित शाह ने भी जनसंपर्क के लिए दादरी विधानसभा क्षेत्र को ही चुना। साथ ही गुर्जर समाज के कद्दावर नेता सुरेंद्र नागर, नरेंद्र भाटी, हरीशचंद्र भाटी आदि गुर्जर नेताओं से वार्ता कर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गुर्जरों को साधने का प्रयास किया है। दो दिन पूर्व ही अमित शाह ने लगभग 300 जाट नेताओं को भी दिल्ली बुलाकर मनाने का प्रयास किया था।


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