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बिल्डर पर प्रदूषण विभाग ने लगाया पांच लाख रुपये का जुर्माना

टर नोएडा वेस्ट स्थित एक बिल्डर को एनजीटी के नियमों का उल्लंघन करना भारी पड़ गया। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, ग्रेटर नोएडा ने बिल्डर पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया है, साथ ही प्रदूषण विभाग ने बिल्डर को निर्माणाधीन साइट पर व्यवस्थाएं दुरुस्त करने की हिदायत दी है। दरअसल ग्रेटर नोएडा वेस्ट में पंचशील ग्रीन्स ग्रुप हाउ¨सग सोसायटी में परियोजना का एक भाग निर्माणाधीन है। पिनाकल नाम से बन रही परियोजना में तीन टावरों में निर्माण कार्य चल रहा है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Sep 2018 06:05 PM (IST)Updated: Wed, 19 Sep 2018 06:05 PM (IST)
बिल्डर पर प्रदूषण विभाग ने लगाया पांच लाख रुपये का जुर्माना
बिल्डर पर प्रदूषण विभाग ने लगाया पांच लाख रुपये का जुर्माना

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : ग्रेटर नोएडा वेस्ट स्थित एक बिल्डर को एनजीटी के नियमों का उल्लंघन करना भारी पड़ गया। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, ग्रेटर नोएडा ने बिल्डर पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया है, साथ ही प्रदूषण विभाग ने बिल्डर को निर्माणाधीन साइट पर व्यवस्थाएं दुरुस्त करने की हिदायत दी है। दरअसल ग्रेटर नोएडा वेस्ट में पंचशील ग्रीन्स ग्रुप हाउ¨सग सोसायटी में परियोजना का एक भाग निर्माणाधीन है। पिनाकल नाम से बन रही परियोजना में तीन टावरों में निर्माण कार्य चल रहा है, जबकि पूर्व में तैयार की जा चुकी बहुमंजिला इमारतों में 15 सौ फ्लैट स्वामियों को कब्जा भी मिल चुका है। सोसायटी में करीब एक हजार परिवार रह रहे हैं। आरोप है कि बिल्डर ने निर्माणाधीन परियोजना पर वायु व ध्वनि प्रदूषण रोकथाम की कोई व्यवस्था नहीं की है। सोसायटी में धूल के महीन कण लोगों को सांस व ह्रदय रोगी बना रहे हैं। निर्माणाधीन इमारत को किसी भी प्रकार से कवर नहीं किया गया है। निर्माणाधीन इमारतों के ऊपर से मिट्टी व निर्माण सामग्री नीचे फेंक दी जाती है। इसके अलावा जो जेनरेटर बिल्डर द्वारा लगाया गया है। उससे वायु व ध्वनि प्रदूषण हो रहा है। सोसायटी निवासी विकास कुमार ने इसकी शिकायत प्रदूषण नियंत्रण विभाग से की थी। मामले का संज्ञान लेते हुए प्रदूषण नियंत्रण विभाग ने निर्माणाधीन परियोजना का दौरा किया। निर्माण कार्य में बिल्डर की लापरवाही उजागर हुई। विकास कुमार ने बताया कि कार्रवाई करते हुए प्रदूषण नियंत्रण विभाग ने बिल्डर पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। प्रदूषण विभाग ने परियोजना परिसर के अंदर बाहर नियमित रूप से पानी का छिड़काव करने के साथ परियोजना निर्माण में ऐसी व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं जिससे पर्यावरण व जनमानस पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े।

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