प्राधिकरण में खेली थी लंबी पारी
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा: यमुना प्राधिकरण के सीईओ पीसी गुप्ता ने जिले में लंबी पारी खेली। वह यम
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा: यमुना प्राधिकरण के सीईओ पीसी गुप्ता ने जिले में लंबी पारी खेली। वह यमुना प्राधिकरण में लगातार सबसे अधिक समय तक सीईओ रहे। सत्ता में अपनी पहुंच बनाकर वह ग्रेटर नोएडा व यमुना प्राधिकरण में तैनाती पाते रहे। पीसी गुप्ता की पहली तैनाती ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में उप मुख्य कार्यपालक अधिकारी (डीसीईओ) के रूप में हुई थी। इसके बाद वह यमुना प्राधिकरण में अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी (एसीईओ)रहे। अप्रैल 2013 में उन्हें एसीईओ से यमुना प्राधिकरण का मुख्य कार्यपालक आधिकारी (सीईओ) बना दिया गया। इस पद पर वह जून 2015 तक रहे। इसके बाद उनका तबादला जिले से बाहर हो गया। लेकिन सत्ता में पैठ की बदौलत वह एक बार फिर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में एसीईओ बन कर आ गए। 1981 बैच के पीसीएस अधिकारी पीसी गुप्ता ने प्रदेश के कई जिलों अपनी सेवाएं दी। 2009 में उन्हें आइएएस बनाया गया और 2002 बैच दिया गया।
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एक्सप्रेस वे पर मेडिकल कालेज बनाने की सूचना
प्राधिकरण चेयरमैन डा. प्रभात कुमार ने शासन को भेजी अपनी रिपोर्ट में उल्लेख किया है कि तत्कालीन सीईओ पीसी गुप्ता अपने करीबी लोगों के साथ मिलकर यमुना एक्सप्रेस वे पर मेडिकल कालेज बना रहे हैं। जमीन खरीद से लिया गया पैसा, उसमें लगाया जा रहा है। उन्होंने इसकी अलग से भी जांच कराने की बात कही है। बाक्स
एलआइयू से भी कराई प्रभात कुमार ने जांच
प्राधिकरण चेयरमैन डा. प्रभात कुमार ने भूमि खरीद घोटाले की कई स्तर से जांच कराई। प्राधिकरण महाप्रबंधक नियोजन के अलावा एलआइयू से भी कई मामलों में जांच कराई गई। जिन कंपनियों और लोगों ने जमीन खरीदी है। उनकी जानकारी भी एलआइयू से कराई गई। पीसी गुप्ता के भतीजे व तहसीलदार सुरेश चंद शर्मा के रिश्तेदारों के बारे में भी एलआइयू से जानकारी कराई गई। बाक्स
बिल्डरों के यहां भी पैसा लगा होने का आरोप
यमुना प्राधिकरण के तत्कालीन सीईओ पीसी गुप्ता पर इस तरह के आरोप भी लगाए जा रहे हैं कि उनका पैसा कई बिल्डरों के यहां लगा हुआ है। प्राधिकरण चेयरमैन डा. प्रभात कुमार ने बताया कि इस तरह की कई गोपनीय शिकायत मिली है। इनकी जांच कराई जा रही है। जांच के बाद कार्रवाई होगी।