जागरण विशेष : सतत विकास के विचार को आकार देती है मधुर की बहुआयामी कुर्सी
नोएडा के आर्किटेक्ट के छात्र मधुर शर्मा ने लकड़ी का बहुआयामी फर्नीचर तैयार किया है जिसे 14 तरह के फर्नीचर में बदलकर उपयोग किया जा सकता है।
सुनाक्षी गुप्ता, नोएडा :
सतत विकास की ओर कदम बढ़ाते हुए आज के युवा सफलता की सीढ़ी चढ़ने के साथ बदलाव भी ला रहे हैं। इससे आमजन की जरूरतें तो पूरी हो ही रही हैं, पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी बेहतर कार्य हो रहा है। नोएडा के आर्किटेक्ट के छात्र मधुर शर्मा का भी कुछ ऐसा ही प्रयास है। उन्होंने लकड़ी का बहुआयामी फर्नीचर तैयार किया है, जिसे 14 तरह के फर्नीचर में बदलकर उपयोग किया जा सकता है। हास्टल के कमरे बैठकर किया आविष्कार:
मूल रूप से खुर्जा निवासी 21 वर्षीय मधुर ग्रेटर नोएडा स्थित एपीजे इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी के स्कूल आफ आर्किटेक्चर एंड प्लानिग में चतुर्थ वर्ष के छात्र हैं। उन्हें इस आविष्कार की प्रेरणा हास्टल के कमरे से मिली। कमरा छोटा होने से फर्नीचर रखने में दिक्कत होती थी। तब उन्हें लकड़ी से बहुआयामी फर्नीचर तैयार करने का विचार आया। माडल बनाने के बाद उन्होंने कालेज के निदेशक प्रोफेसर विवेक सभरवाल की मदद से डिजाइन बनाया। फर्नीचर बनाने में पश्चिमी हेमलाक (एक कनाडाई लकड़ी) का इस्तेमाल किया है, ताकि कोई भी आकार देने पर फर्नीचर 100 किलो का भार झेल सके। इस फर्नीचर में लगे पेंच और कील को जरूरत के हिसाब से हटाया जा सकता है। इस फर्नीचर को लेकर कई उद्योग और फैक्टरी से आर्डर आने लगे हैं। आविष्कारों के लिए मिले कई पुरस्कार
मधुर शर्मा बताते हैं कि वह 2018 से करीब 10 फर्नीचर डिजाइन कर चुके हैं। इसमें से सात बहुआयामी हैं। अपने डिजाइन के लिए वह 2018 में एक्ट ग्रीन डिजाइन अवार्ड, ए थ्री फाउंडेशन इंटीरियर डिजाइन अवार्ड और 2019 में स्मार्ट हैबिटेट फाउंडेशन अवार्ड आदि पुरस्कार से सम्मानित हो चुके हैं। बॉक्स..
इन 14 आकार में बदल सकेगा बहुआयामी फर्नीचर
- जेड आकार की कुर्सी
- सामान्य कुर्सी
- सेंटर टेबल
- काफी टेबल
- एक व्यक्ति के लिए डेक कुर्सी
- बैंच
- साइड टेबल
- एक व्यक्ति के लिए लो फ्लोर सीटिग
- दो व्यक्तियों के लिए लो फ्लोर सीटिग
- दो कार्यस्थलों को अलग करने के लिए विभाजन दीवार
- एक पौधे के लिए प्लांट एनक्लोजर
- दो पौधों के लिए प्लांट एनक्लोजर
- टेलीविजन यूनिट
- बुक स्टोरेज के साथ टेबल