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अतिरिक्त पुल आउट : पुन: प्रेषित : सुध ही नहीं : अब की बार होगा बेरोजगारों का बेड़ा पार!

17वीं लोकसभा चुनावों के लिए दुंदुभी बज चुकी है। ऐसे में शिक्षा स्वास्थ्य से लेकर हर मूलभूत जरूरतों को लेकर जहां आम आदमी नए सिरे से उम्मीद पाल रहा है वहीं युवाओं को भी सत्ता व प्रशासन से काफी उम्मीदें बढ़ गई हैं। औद्योगिक जिला होने के बावजूद बेरोजगारी जिले में एक बड़ी समस्या है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Mar 2019 08:07 PM (IST)Updated: Fri, 22 Mar 2019 08:07 PM (IST)
अतिरिक्त पुल आउट : पुन: प्रेषित : सुध ही नहीं : अब की बार होगा बेरोजगारों का बेड़ा पार!
अतिरिक्त पुल आउट : पुन: प्रेषित : सुध ही नहीं : अब की बार होगा बेरोजगारों का बेड़ा पार!

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : लोकसभा चुनावों का बिगुल बज चुका है। ऐसे में शिक्षा, स्वास्थ्य से लेकर हर मूलभूत जरूरतों को लेकर जहां आम आदमी नए सिरे से उम्मीद पाल रहा है, वहीं युवाओं को भी सत्ता व प्रशासन से काफी उम्मीदें बढ़ गई हैं। औद्योगिक जिला होने के बावजूद बेरोजगारी जिले में एक बड़ी समस्या है। नोएडा व ग्रेटर नोएडा में बड़े पैमाने पर उद्योग स्थापित हैं, बावजूद इसके रोजगार विभाग के पोर्टल पर बेरोजगारों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है, जो सीधे तौर पर रोजगार विभाग के साथ ही प्रशासनिक विफलता को दर्शाता है। जिला रोजगार अधिकारी पद्मवीर कृष्ण के मुताबिक रोजगार विभाग पर बेरोजगार युवाओं की पंजीकरण संख्या 9200 तक पहुंच गई है। वहीं पिछले वित्तीय वर्ष 2017-18 व 2018-2019 में कितने युवाओं को रोजगार मिला है, इस बात की भी रोजगार विभाग को कोई ठोस जानकारी नहीं है। चुनावी मौसम में हर जनप्रतिनिधि युवाओं को रोजगार दिलाने का वादा करते हैं, लेकिन चुनाव बीतते ही इनके एजेंडे से सभी मुद्दे गायब हो जाते हैं और फिर पांच वर्ष बाद ही नेताओं को जनता की याद आती है। जिले के युवाओं को भी काफी उम्मीद है कि अबकी बार शायद उनका बेंड़ा पार हो जाए।

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उद्योगों का नहीं हो रहा पंजीकरण :

अगर रोजगार विभाग की बात करें तो नियोजकों को लाने में रोजगार विभाग असफल साबित हो रहा है। बड़ी संख्या ऐसे उद्योगों की भी है, जिनका रोजगार विभाग में पंजीकरण ही नहीं हुआ है। नियम के मुताबिक किसी भी उद्योग में कर्मचारियों की संख्या 25 से ज्यादा होने पर रोजगार विभाग में उसका पंजीकरण अनिवार्य होता है। उद्योगों के पंजीकरण को लेकर भी रोजगार विभाग गंभीर नजर नहीं आ रहा है।

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ज्यादा से ज्यादा युवाओं को रोजगार दिलाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसी के तहत पिछले वर्ष विभाग ने लक्ष्य से ज्यादा रोजगार मेलों का आयोजन कर युवाओं को रोजगार दिलाने की कोशिश की है।

- पद्मवीर कृष्ण, जिला रोजगार अधिकारी


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