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स्कूल बस हादसा : परिवहन विभाग की रिपोर्ट, प्राधिकरण की लापरवाही से हुआ स्कूल बस हादसा

नोएडा के रजनीगंधा अंडरपास में एपीजे स्कूल बस हादसे की जानकारी के बाद उत्तर प्रदेश ट्रांसपोर्ट कमिश्नर हरकत में आए गए है। उन्होंने तत्काल प्रभाव से सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन-तीन) हिमेश तिवारी से घटना की रिपोर्ट तलब की है। परिवहन विभग की ओर से हादसें की रिपोर्ट ट्रांसपोर्ट कमिश्नर के पास भेज दी गई है। जिसमें बहुत ही चौकाने वाले तथ्य सामने है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 20 Nov 2018 11:01 PM (IST)Updated: Tue, 20 Nov 2018 11:01 PM (IST)
स्कूल बस हादसा : परिवहन विभाग की रिपोर्ट, प्राधिकरण की लापरवाही से हुआ स्कूल बस हादसा
स्कूल बस हादसा : परिवहन विभाग की रिपोर्ट, प्राधिकरण की लापरवाही से हुआ स्कूल बस हादसा

जागरण संवाददाता, नोएडा :

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नोएडा के रजनीगंधा अंडरपास में एपीजे स्कूल बस हादसे की जानकारी के बाद उत्तर प्रदेश ट्रांसपोर्ट कमिश्नर हरकत में आ गए हैं। उन्होंने तत्काल प्रभाव से सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन-तीन) हिमेश तिवारी से घटना की रिपोर्ट तलब की है। परिवहन विभाग की ओर से हादसे की रिपोर्ट ट्रांसपोर्ट कमिश्नर के पास भेज दी गई है। जिसमें बहुत ही चौकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।

इस रिपोर्ट में नोएडा प्राधिकरण की लापरवाही का जिक्र परिवहन विभाग की अधिकारियों की ओर से भी किया गया है, जिसमें सड़क पर खुले में निर्माण सामग्री पड़े होने की बात कही गई है। हादसे का कारण भी निर्माण सामग्री को ही बताया गया है।

बताया गया कि अंडरपास में रेत या बदरपुर में बस का पहिया फंसने की वजह से फिसल गया है और ड्राइवर की स्टेय¨रग दाईं ओर घूम गई है। जिस कारण अंडरपास के पिलर से बस सीधी टकरा गई। इस कारण हादसा हुआ, जिससे ड्राइवर की दोनों टांगे और एक हाथ टूट गया है। ड्राइवर ¨जदगी और मौत के बीच झूल रहा है। कंडक्टर भी बुरी तरह से जख्मी हुआ है। इस दौरान करीब 16 बच्चों को चोट आई थी। जिनका उपचार के बाद कैशला अस्पताल से रवाना कर दिया गया है।

एआरटीओ प्रवर्तन हिमेश तिवारी ने बताया कि स्कूली बस से संबंधित सारी जानकारी जुटा ली गई है। इसमें सारे नियम पूरे पाए गए हैं। स्कूल प्रशासन की ओर से यूपी 16 ईटी 3431 नंबर पर स्कूली बस का रजिस्ट्रेशन कराया गया है। इस पर एनसीआर परमिट लिया गया है। हालांकि यह बस स्काई लाइन ट्रांसपोर्टर की ओर से खरीदकर स्कूल प्रशासन को दी गई है। जो कांट्रेट कैरिज वे के तहत संचालित हो रही है। यह बस महज एक वर्ष आठ माह पुरानी है। जिसका परमिट, फिटनेस, स्पीड गवर्नर लगा हुआ है। ड्राइवर का लाइसेंस गंगा सागर उपाध्याय के नाम से है। जो असम परिवहन विभाग से बना हुआ है।

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प्राधिकरण अधिकारी स्कूल बस को दोषी ठहरा रहे

नोएडा प्राधिकरण के वर्क सर्किल एक के परियोजना अभियंता एमके मित्तल ने बताया कि अंडर पास में निर्माण सामग्री रात को डाली गई है, लेकिन कोई हादसा नहीं हुआ। स्कूली बस को ड्राइवर स्पीड में चला रहा होगा। अचानक कोई वाहन सामने आ गया होगा या बाईं ओर वाहन को दाईं ओर से काटने पर बस अनियंत्रित हो गई। इस कारण यह हादसा हुआ है।


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