पांच सेक्टरों में बने फ्लैटों में अवैध निर्माण की रिपोर्ट तैयार
निलंबित एडीएम व पूर्व कर्नल विवाद के चलते ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया ने स्पष्ट कर दिया था कि शहर के कई सेक्टरों के मकानों में नक्शे के विपरीत निर्माण किया गया है। नियमावली के तहत यह निर्माण अवैध की श्रेणी में आता है लेकिन इनकी संख्या सैकड़ों में नहीं बल्कि हजारों में है। इसको नियमित करने के लिए प्राधिकरण ने चार सदस्यीय समिति का गठन किया था। समिति के सदस्यों द्वारा ग्रुप हाउ¨सग सेक्टर- 21, 25, 2
जागरण संवाददाता, नोएडा :
निलंबित एडीएम व पूर्व कर्नल विवाद के चलते ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया ने स्पष्ट कर दिया था कि शहर के कई सेक्टरों के मकानों में नक्शे के विपरीत निर्माण किया गया है। नियमावली के तहत यह निर्माण अवैध की श्रेणी में आता है लेकिन इनकी संख्या सैकड़ों में नहीं बल्कि हजारों में है। इसको नियमित करने के लिए प्राधिकरण ने चार सदस्यीय समिति का गठन किया था। समिति के सदस्यों द्वारा ग्रुप हाउ¨सग सेक्टर- 21, 25, 28, 29 व 37 का सर्वे पूरा कर लिया गया है। यहा नक्शे के विपरीत बने मकानों को चिह्नित कर लिया गया है। प्रत्येक सेक्टर के अलग-अलग सूची तैयार की गई है। यह रिपोर्ट नियोजन विभाग की ओर से बृहस्पतिवार को प्राधिकरण अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी। इसके बाद तय किया जाएगा कि यहां अतिक्रमण को नियमित करने के लिए कितनी कंपाउं¨डग फीस लगाई जाए या इनको ध्वस्त किया जाए। समिति प्राधिकरण अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी एके श्रीवास्तव की अगुवाई में बनाई गई है। इसमें अध्यक्ष के अलावा सदस्यों में वित्त नियंत्रक, मुख्य वास्तुविद नियोजक, महाप्रंबधक (सिविल) व विशेष कार्याधिकारी (ग्रुप हाउ¨सग) को शामिल किया गया था। इन सदस्यों ने तय किए गए सेक्टरों में बने फ्लैटों का नक्शे के अनुसार का निरीक्षण किया। हालांकि यह रिपोर्ट पांच सितंबर को अध्यक्ष के समक्ष प्रस्तुत की जानी थी लेकिन सूचीबद्ध करने में समय लग लगया। रिपोर्ट के तहत आंवटियों के नक्शे के अनुसार अवैध निर्माण का मिलान कराया जाएगा। नियमित करने के लिए कंपाउं¨डग फीस तय की जाएगी। इसके बाद फीस जमा करने व नियमित करने की कार्रवाई की जाएगी। यह फीस सिर्फ उस अतिरिक्त निर्माण के लिए होगी जिसे नियमित किया जा सकता है। शेष निर्माण को ध्वस्त किया जाएगा। ऐसे में जो आवंटी कंपाउं¨डग फीस जमा नहीं करना चाहते उन्हें प्राधिकरण के नक्शे के अनुसार ही अवैध निर्माण हटाना होगा।