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आरबीआइ कर्मचारी बन कर रहे थे ठगी, तीन गिरफ्तार

यूपी पुलिस में भर्ती होने की तैयारी कर रहा युवक इंश्योरेंस पॉलिसी लैप्स होने और दोगुना पैसा दिलाने का झांसा देकर लोगों से ठगी करने लगा। लोगों को आरबीआइ कर्मचारी बताकर अपने झांसे में लेते थे। कन्नौज के छिबरामऊ थाना क्षेत्र स्थित डालूपुर गांव का रहने वाला आरोपित ब्रजेश कुमार यूपी पुलिस में कांस्टेबल की परीक्षा भी दिया है। दिल्ली के न्यू अशोक नगर में रह कर वह पुलिस भर्ती की तैयारी कर रहा था। वह सेक्टर 63 में रहने वाले दोस्त अवधेश कुमार और सेक्टर 19 में रहने वाले प्रवीण कुमार के साथ फर्जी कंपनी बनाकर लोगों से ठगी करने लगा। उन्होंने सेक्टर 62 के हरमोनी अपार्टमेंट में रहने एनटीपीसी से सेवानिवृत्त अधिकारी रोबिन मजुमदार से 6 लाख रुपये ठग लिया था। मजुमदार की शिकायत पर साइबर क्राइम सेल ने सोमवार रात खोड़ा तिराहे से तीनों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया। पुलिस ने आरोपितों के खाते में पड़े तीन लाख रुपये को फ्रीज करा दिया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 13 Sep 2018 12:10 AM (IST)Updated: Thu, 13 Sep 2018 12:10 AM (IST)
आरबीआइ कर्मचारी बन कर रहे थे ठगी, तीन गिरफ्तार
आरबीआइ कर्मचारी बन कर रहे थे ठगी, तीन गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, नोएडा : यूपी पुलिस में भर्ती होने की तैयारी कर रहा युवक इंश्योरेंस पॉलिसी लैप्स होने और दोगुना पैसा दिलाने का झांसा देकर लोगों से ठगी करने लगा। लोगों को आरबीआइ कर्मचारी बताकर अपने झांसे में लेते थे। कन्नौज के छिबरामऊ थाना क्षेत्र स्थित डालपुर गांव का रहने वाला आरोपित ब्रजेश कुमार ने यूपी पुलिस में कांस्टेबल की परीक्षा भी दी है।

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दिल्ली के न्यू अशोक नगर में रह कर वह पुलिस भर्ती की तैयारी कर रहा था। वह सेक्टर 63 में रहने वाले दोस्त अवधेश कुमार और सेक्टर 19 में रहने वाले प्रवीण कुमार के साथ फर्जी कंपनी बनाकर लोगों से ठगी करने लगा। उन्होंने सेक्टर 62 के हरमोनी अपार्टमेंट में रहने एनटीपीसी से सेवानिवृत्त अधिकारी रोबिन मजुमदार से छह लाख रुपये ठग लिया था। मजुमदार की शिकायत पर साइबर क्राइम सेल ने सोमवार रात खोड़ा तिराहे से तीनों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया। पुलिस ने आरोपितों के खाते में पड़े तीन लाख रुपये को फ्रीज करा दिया है।

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फर्जी इंश्योरेंस कंपनी में नौकरी करके आया ठगी का आइडिया

मुख्य आरोपित ब्रजेश कुमार अप्रैल 2017 में सेक्टर 10 स्थित डीएसए इंश्योरेंस कंपनी में नौकरी कर चुका है। यह कंपनी तीन महीने बाद भाग भाग गई। यहीं से उसे इंश्योरेंस पॉलिसी के लैप्स होने, पॉलिसी को नवीनीकरण करने और दोगुना पैसा देकर ठगी करने का आइडिया आया था। उसने कंपनी से मिला मोबाइल और सिम अपने पास रख लिया और दोस्त अवधेश व प्रवीण के साथ कंपनी बना कर लोगों से ठगी करने लगा।

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वोडाफोन मिनी स्टोर में चल रही थी फर्जी कंपनी

जुलाई 2017 में प्रवीण के वोडाफोन मिनी स्टोर को ऑफिस बना लिया और पॉलिसी धारकों को फोन पर झांसे में लेकर ठगी करने लगा। उसने रोबिन मजुमदार से पॉलिसी लैप्स होने और दोगुना पैसा देने का लालच देकर जुलाई 2017 से मई 2018 के बीच 6 लाख रुपये प्रवीण के खाते में जमा करा लिया। ठगी के पैसे में से ब्रजेश 20 प्रतिशत प्रवीण और 30 प्रतिशत अवधेश को देकर 50 प्रतिशत अपने पास रख लेता था। ठगी की जानकारी होने पर मजुमदार ने साइबर क्राइम सेल से मई 2018 में शिकायत की थी।

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मुख्य आरोपित ब्रजेश तीन महीने तक फर्जी इंश्योरेंस कंपनी में नौकरी कर चुका है। यहीं से उसे ठगी का आइडिया आया। अवधेश व प्रवीण के साथ मिलकर आरबीआइ का कर्मचारी बन कर लोगों से ठगी कर रहा था। अभी एक व्यक्ति से 6 लाख की ठगी करने की जानकारी हुई है, लेकिन आशंका है कि आरोपितों ने कइयों से लाखों की ठगी की है। इसकी जांच की जा रही है।

- डॉ. अजय पाल शर्मा, एसएसपी


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