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रेरा व प्राधिकरण की टीम करेगी जेपी हाइट परियोजना की जांच

यूपी रेरा व ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की टीम शाहबेरी स्थित जेपी हाइट बि¨ल्डग का मौके पर जाकर निरीक्षण करेगी। उक्त परियोजना उत्तर प्रदेश रेरा में पंजीकृत है, जबकि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण इस इमारत को अवैध घोषित कर चुका है। पिछले साल शाहबेरी में हुए हादसे के बाद प्राधिकरण ने इस इमारत को अवैध घोषित करते हुए सील कर दिया था।

By JagranEdited By: Published: Tue, 05 Feb 2019 08:00 PM (IST)Updated: Tue, 05 Feb 2019 08:00 PM (IST)
रेरा व प्राधिकरण की टीम करेगी जेपी हाइट परियोजना की जांच
रेरा व प्राधिकरण की टीम करेगी जेपी हाइट परियोजना की जांच

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : यूपी रेरा व ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की टीम शाहबेरी स्थित जेपी हाइट बि¨ल्डग का मौके पर जाकर निरीक्षण करेगी। उक्त परियोजना उत्तर प्रदेश रेरा में पंजीकृत है, जबकि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण इस इमारत को अवैध घोषित कर चुका है। पिछले साल शाहबेरी में हुए हादसे के बाद प्राधिकरण ने इस इमारत को अवैध घोषित करते हुए सील कर दिया था। परियोजना के एक खरीदार ने रेरा में शिकायत की और अपना पैसा ब्याज समेत वापस दिलाने की अपील की थी। सुनवाई के बाद रेरा की पीठ दो ने खरीदार के पक्ष में फैसला सुनाते हुए बिल्डर को ब्याज समेत पैसा वापस लौटाने का आदेश दिया है। जिसके बाद बिल्डर ने पीठ के समक्ष दलील दी है कि उसका प्रोजेक्ट 90 वर्ग मीटर जमीन पर बना हुआ है, जबकि रेरा केवल 500 मीटर या उससे अधिक जमीन पर बनी परियोजनाओं पर सुनवाई कर सकता है।

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परियोजना में बनाए गए हैं 30 से ज्यादा फ्लैट : 

रेरा सदस्य बलंविदर कुमार ने जानकारी जुटाई तो पता चला कि इस बि¨ल्डग में 30 से अधिक फ्लैट बनाए गये हैं। इसके आधार पर उन्होंने फैसला लिया कि बिल्डर द्वारा रेरा को गुमराह किया जा रहा है, साथ ही प्रोजेक्ट पंजीकरण में गलत जानकारियां दी गई हैं। ऐसी स्थिति में बिल्डर की इस दलील पर पीठ ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है और प्रोजेक्ट की जांच कराने का फैसला लिया है। उन्होंने बताया कि प्राधिकरण और रेरा की टीम जल्द ही जेपी हाइट बि¨ल्डग का मौके पर जाकर मुआयना करेगी। प्रोजेक्ट की जमीन के क्षेत्रफल के साथ-साथ कुल फ्लैटों की संख्या की रिपोर्ट तैयार की जाएगी।

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खरीदारों की भी ली जाएगी जानकारी :

साथ ही परियोजना में कितने खरीदारों ने बु¨कग की है, इसका भी पता लगाया जाएगा। उसके बाद मामले पर आगे की कार्रवाई होगी। बता दें कि शाहबेरी हादसे के बाद प्राधिकरण ने इस इमारत को अवैध घोषित करते हुए सील कर दिया था। हालांकि बिल्डर ने सील तोड़कर दोबारा निर्माण कार्य शुरू कर दिया था। बाद में पुलिस ने बिल्डर के खिलाफ एफआइआर दर्ज की थी।


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