किसान महापंचायत में प्राधिकरण की कार्यप्रणाली पर उठा सवाल
जागरण संवाददाता नोएडा किसानों के साथ नोएडा में दोयम दर्जे का व्यवहार प्राधिकरण की ओर
जागरण संवाददाता, नोएडा :
किसानों के साथ नोएडा में दोयम दर्जे का व्यवहार प्राधिकरण की ओर से किया जा रहा है। किसानों की जमीन को पहले जबरन अधिग्रहीत कर कब्जा लिया जाता है। फिर उसी अधिकारी की ओर से साठगांठ कर अवैध निर्माण कराया जाता है। जब पोल खुल जाती है, तो पुलिस का सहयोग लेकर उसको तोड़ने की कार्रवाई को अंजाम दिया जाता है। किसानों को जब मुआवजा देने की बात आती है तो अधिकारी की ओर जमीन पर अतिक्रमण या अवैध कब्जा होने के बाद टरकाया जाता है। प्राधिकरण के अंदर इस सिस्टम को पूरी तरह से बंद किया जाना चाहिए। यह गंभीर आरोप रविवार को सेक्टर-95 स्थित राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल पर आयोजित कृषि कानून के विरोध में भारतीय किसान यूनियन (लोकशक्ति) की किसान महापंचायत में दो हजार से अधिक किसानों के समाने लोकशक्ति के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी मास्टर श्यौराज सिंह ने मंच से लगाया है।
उन्होंने धरना स्थल पर किसानों से ज्ञापन लेने पहुंचे प्राधिकरण ओएसडी इंदु प्रकाश सिंह और एडीसीपी रणविजय सिंह को स्पष्ट किया कि बरौला, शाहदरा, झट्टा में धड़ल्ले से अवैध निर्माण हो रहा है, लेकिन प्राधिकरण अधिकारी उसको रोक नहीं रहे हैं, ऐसे में हमें भी यदि इजाजत मिल जाए तो हम प्राधिकरण की अधिग्रहीत कब्जा प्राप्त जमीन पर कब्जा कर अवैध निार्मण कर लें। 11 दिन पहले इसी समस्या को लेकर धरनास्थल पर किसानों के बुलावे पर प्राधिकरण से एक ओएसडी आए थे, जिन्होंने किसानों की समस्या के स्थायी निदान पर आश्वासन दिया था कि प्राधिकरण मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु माहेश्वरी के साथ अगले दिन बैठक कराई जाएगी लेकिन आज तक बैठक की सूचना तक नहीं मिली है। आज दूसरे ओएसडी को धरना स्थल पर भेजा गया है। उन्होंने मंच से ही एक ज्ञापन ओएसडी इंदु प्रकाश सिंह को सौंपा। इस पर ओएसडी इंदु प्रकाश सिंह ने राष्ट्रीय अध्यक्ष को आश्वासन दिया कि उनका ज्ञापन प्राधिकरण में मुख्य कार्यपालक अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत कर दिया जाएगा। सोमवार को कुछ किसान प्रतिनिधिमंडल कार्यालय पर आ जाए, मुख्य कार्यपालक अधिकारी के साथ बातचीत करवा दी जाएगी।
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किसानों को कराई गई पीटी
धरना स्थल पर गौतमबुद्धनगर, मथुरा, हाथरस, अलीगढ़, इटावा, मेरठ, हापुड़, मैनपुरी, यमुनानगर समेत अन्य जिलों से आए किसानों को 26जनवरी में किसान परेड के लिए पीटी कराई गई। जिसका अभ्यास जिला स्तर भी कराने का निर्देश पदाधिकारियों को दिया गया।
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किसानों को मिली चेतावनी
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने मंच से खड़े होकर किसान नेताओं को चेतावनी दी कि वह संगठन के लिए काम करें, केवल गाड़ियों पर झंडा लगाकर टोल की राजनीति बंद करें। अन्यथा संगठन से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा। राष्ट्रीय कार्यकारणी के बुलावे पर यह न दिखाएं कि किसानों को पुलिस ने नजर बंद कर दिया है और थाने में बैठा लिया है। हम भी इस दौर से गुजरकर संगठन को इस मुकाम तक लेकर आए है।