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जांच में उलझी पुलिस, 12 दिन बाद भी हत्याकांड की गुत्थी सुलझाना चुनौती

मोबाइल सर्विलांस के सहारे बड़ी-बड़ी वारदात सुलझाने वाली प्रदेश की हाइटेक पुलिस की तकनीकी गौरव चंदेल के हत्यारों के आगे बौनी साबित हो रही है। पिछले 12 दिनों से नोएडा पुलिस व एसटीएफ ने पूरी ताकत झोंक रखी है लेकिन पर्दाफाश तो दूर बदमाशों की पहचान तक नहीं हो सकी है। अबतक की जांच से साफ हो गया है कि अगर बदमाश सर्विलांस के जाल में नहीं फंसे तो उन्हें पकड़ना पुलिस के लिए काफी मुश्किल है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 18 Jan 2020 08:35 PM (IST)Updated: Sun, 19 Jan 2020 06:06 AM (IST)
जांच में उलझी पुलिस, 12 दिन बाद भी हत्याकांड की गुत्थी सुलझाना चुनौती
जांच में उलझी पुलिस, 12 दिन बाद भी हत्याकांड की गुत्थी सुलझाना चुनौती

जागरण संवाददाता, नोएडा :

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मोबाइल सर्विलांस के सहारे बड़ी-बड़ी वारदात सुलझाने वाली प्रदेश की हाइटेक पुलिस की तकनीकी गौरव चंदेल के हत्यारों के आगे बौनी साबित हो रही है। पिछले 12 दिनों से नोएडा पुलिस व एसटीएफ ने पूरी ताकत झोंक रखी है, लेकिन पर्दाफाश तो दूर बदमाशों की पहचान तक नहीं हो सकी है। अबतक की जांच से साफ हो गया है कि अगर बदमाश सर्विलांस के जाल में नहीं फंसे तो उन्हें पकड़ना पुलिस के लिए काफी मुश्किल है। नौ दिन बाद गाजियाबाद मसूरी थाना क्षेत्र के आकाश नगर एरिया से लावारिस पड़ी कार बरामद होने व फिर राहगीर के पास से मिले गौरव के मोबाइल फोन को छोड़ दे तो पुलिस को इस केस में कोई ठोस कामयाबी नहीं मिली है। हत्याकांड की जांच में उलझी पुलिस को चकमा देकर बदमाश आगे-आगे चलते नजर आ रहे हैं। कार बरामदगी के बाद वहां आस-पास लगे एक दर्जन से अधिक सीसीटीवी कैमरों के फुटेज को पुलिस ने कब्जे में लिया। वहीं गौरव की कार छोड़ने से पहले बदमाशों ने गाजियाबाद से जिस टियागो कार को लूटा था वहां से पुलिस को फुटेज मिले हैं। उसके आधार पर पुलिस बदमाशों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है। पुलिस को इस गैंग में अलीगढ़ के बदमाशों के शामिल होने की आशंका है। जिसे देखते हुए पुलिस टीम ने अलीगढ़ में भी डेरा डाला है। हालांकि 12 दिनों की जांच के बाद भी इस सनसनीखेज हत्याकांड को किस गैंग ने अंजाम दिया है अबतक साफ नहीं हो सका है। मालूम हो कि गौरव चंदेल हत्याकांड की जांच के दौरान पुलिस ने गौतमबुद्ध नगर व गाजियाबाद के जेल से पिछले छह माह में छूटे बदमाशों की लिस्ट तैयार की थी। इस दौरान करीब 351 बदमाशों के नाम सामने आए थे। उसके बाद पुलिस ने इन बदमाशों की मौजूदा स्थिति जानने व संदिग्ध गैंग के बदमाशों से पूछताछ करने की कोशिश की। पुलिस सूत्रों के अनुसार इस दौरान गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, बुलंदशहर, हापुड़ व बागपत तक के अधिकांश बदमाशों ने अपना ठिकाना बदल लिया है। उधर, इन 351 बदमाशों के अलावा पुलिस की नजर उन बड़े गैंग लीडरों पर भी है जो फिलहाल जेल में बंद है। पुलिस गौतमबुद्धनगर के लुक्सर व गाजियाबाद के डासना जेल में बंद बदमाशों से पूछताछ कर रही है। बड़े स्तर पर जेल में बंद बदमाशों से अबतक पूछताछ हो चुकी है, लेकिन पुलिस को कोई बड़ी कामयाबी नहीं मिली है। 6 जनवरी को हुई थी गौरव चंदेल की गोली मारकर हत्या

सर्जिकल इक्यूपमेंट बनाने वाली गुरुग्राम स्थित 3एम इंडिया लिमिटेड कंपनी के रीजनल मैनेजर गौरव चंदेल (40) की 6 जनवरी की रात बदमाशों ने हरनंदी किनारे गोली मारकर हत्या के बाद उनकी सेल्टोस कार लूटकर फरार हो गए थे। कानपुर निवासी गौरव चंदेल गौर सिटी में पत्नी, बेटा व मां के साथ रहते थे। छह जनवरी की रात गौरव गुरुग्राम स्थित कंपनी से घर लौट रहे थे। रात करीब 10 बजकर 22 मिनट पर उनकी पत्नी प्रीति चंदेल ने उन्हें फोन किया तो उन्होंने कहा कि पर्थला चौक के पास पहुंच चुके हैं व पांच मिनट में घर पहुंच रहे हैं, लेकिन वह घर नहीं पहुंचे। तड़के करीब चार बजे गौरव का शव हरनंदी किनारे स्टेडियम के पास से बरामद हुआ था। सिर में पीछे से दो गोली मारकर हत्या के बाद उनकी सेल्टोस कार, दो मोबाइल, लैपटॉप सहित अन्य सामान लूटकर फरार हो गए थे। मंगलवार रात लूटी गई कार गाजियाबाद से लावारिस हालत में बरामद हुई, जबकि एक राहगीर के पास से एसटीएफ मोबाइल बरामद कर चुकी है, लेकिन बदमाशों का अबतक पता नहीं लग सका है।

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गौरव चंदेल हत्याकांड की जांच प्रमुखता से चल रही है। उम्मीद है कि जल्द ही इसका परिणाम सामने आएगा व बदमाश पकड़े जाएंगे।

हरीश चन्दर, डीसीपी, जोन द्वितीय

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रजनी कान्त


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