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एसडीजी सिटी में नोएडा-ग्रेटर नोएडा के हिस्सा लेने के लिए शासन से मिली अनुमति

संयुक्त राष्ट्र द्वारा दावोस में आयोजित होने वाले ग्लोबल सस्टेनेबल सिटीज-2025 इनीशिएटीव में Þयूनिवर्सिटी सिटी कैटेगरी'में नोएडा-ग्रेटर नोएडा के हिस्सा लेने के लिए शासन स्तर से मुख्य सचिव डॉ अनूप चन्द्र पाण्डेय ने अनुमति दे दी है। इस कैटेगरी में हिस्सा लेने के लिए केवल भारत की तरफ से केवल नोएडा-ग्रेनो के अलावा विश्व के पांच अन्य शहर कैंब्रिज, पालो आल्टो, ट्रॉन्ढाइम, एस्पू और हाइडलबर्ग को निमंत्रण मिला है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 15 Jan 2019 09:50 PM (IST)Updated: Tue, 15 Jan 2019 09:50 PM (IST)
एसडीजी सिटी में नोएडा-ग्रेटर नोएडा के हिस्सा लेने के लिए शासन से मिली अनुमति
एसडीजी सिटी में नोएडा-ग्रेटर नोएडा के हिस्सा लेने के लिए शासन से मिली अनुमति

जागरण संवाददाता, नोएडा : संयुक्त राष्ट्र द्वारा दावोस में आयोजित होने वाले ग्लोबल सस्टेनेबल सिटीज-2025 इनीशिएटीव में Xह्नह्वश्रह्ल;यूनिवर्सिटी सिटी कैटेगरी में नोएडा-ग्रेटर नोएडा के हिस्सा लेने के लिए शासन स्तर से मुख्य सचिव डॉ. अनूप चन्द्र पाण्डेय ने अनुमति दे दी है। इस कैटेगरी में हिस्सा लेने के लिए केवल भारत की तरफ से केवल नोएडा-ग्रेनो के अलावा विश्व के पांच अन्य शहर कैंब्रिज, पालो आल्टो, ट्रॉन्ढाइम, एस्पू और हाइडलबर्ग को निमंत्रण मिला है। इस प्रोग्राम में विश्व के 25 शहरों को यूनीवर्सिटी सिटी सहित अलग-अलग पांच श्रेणियों में निमंत्रित किया गया है। इस सिलसिले में संयुक्त राष्ट्र के वरिष्ठ सलाहकार व मुख्य कार्यकारी अधिकारी यूएनजीएसआइआइ व एसडीजी (सस्टेनलेबल डेवलपमेंट गोल्स) सिटीज इनीशिएटिव्स चीफ रोलैंड शैत्स ने नवंबर माह में जिलाधिकारी बीएन ¨सह से मुलाकात की थी। इस दौरान नोएडा को सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स-2025 के अनुरूप पूर्णरूप से अनुपालक बनने वाले 25 वैश्विक शहरों में शामिल होने के लिए Xह्नह्वश्रह्ल;रेस टू सस्टेनेबिलिटी'में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया था। इसके बाद ही जिलाधिकारी ने शासन को पत्र लिख हिस्सा लेने के लिए अनुमति मांगी थी। 17 ¨बदुओं पर करना होगा काम, विश्व में मिलेगी पहचान -

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जिलाधिकारी ने अनुमति के लिए मुख्य सचिव को लिखे पत्र में कहा था कि यह आमंत्रण स्वीकार किया जाता है तो नोएडा-ग्रेटर नोएडा में 17 विभिन्न ¨वदुओं (एसडीजीएस) पर कार्य करना होगा। जिसके माप दंड अति महत्वपूर्ण होंगे। लेकिन इससे नोएडा-ग्रेनो को अन्तराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित होने में सहायता प्राप्त होगी। इसके तहत 100 हजार यूरो प्रति वर्ष देने की बात है तो वह निजी कंपनियों से विचार विमर्ष कर सहमति बना सीएसआर के तहत दे सकते हैं। इससे शासन पर इसका भार नहीं पड़ेगा। जिलाधिकारी बीएन ¨सह ने कहा कि शासन से अनुमति मिलने के बाद अब इस प्रोग्राम में हिस्सा लेने के लिए प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा। 31 जनवरी से पहले हिस्सेदारी लेने के लिए अवगत कराना है। एसडीजी सिटीज इनीशिएटिव के परिणाम स्वरूप विभिन्न यूएन एजेंसियों, पार्टनर्स एवं कार्पोरेट सपोर्टरों के जरिए वैश्विक ज्ञान, संसाधनों को यहां आने का मौका मिलेगा। इसका मकसद सस्टेनेबिलिटी इनोवेशन तथा रिसर्च हब्स के लिए अन्य प्रतिभागी यूनिवर्सिटी सिटी कैंब्रिज, पालो आल्टो, ट्रांन्ढाइम, एस्पू और हाइडलबर्ग जैसे शहरों के साथ मिलकर काम करना है। नोएडा-ग्रेनो को चुनने के पीछे यहां विवि व कॉलेजों की अधिक संख्या है।


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