होम्योपैथिक दवाओं पर भी बढ़ रहा है वायरल मरीजों का भरोसा
अंग्रेजी दवाओं से होने वाले दुष्प्रभाव जागरण दुष्प्रभाव से बचने के लिए लोग अब होम्योपैथिक इलाज पर भरोसा जता रहे है। इसका अंदाजा सेक्टर-30 जिला अस्पताल में होम्योपैथिक इलाज के लिए आने वाले मरीजों की संख्या को देखकर लगाया जा सकता है।
जागरण संवाददाता, नोएडा :
अंग्रेजी दवाओं से होने वाले दुष्प्रभाव से बचने के लिए लोग अब होम्योपैथिक इलाज पर भरोसा जता रहे है। इसका अंदाजा जिला अस्पताल में होम्योपैथिक इलाज के लिए आने वाले मरीजों की संख्या को देखकर लगाया जा सकता है।
जिला अस्पताल में होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ.सीमा यादव ने बताया इस सीजन में होम्योपैथिक वार्ड में डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, कालाजार, दिमागी बुखार, फ्लू, स्वाइन फ्लू, फाइलेरिया से ग्रसित मरीजों की संख्या बढ़ी है। रोजाना 150-200 मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं। मरीज लगातार इस पद्धति के इलाज पर भरोसा जता रहे है। इस पद्धति के जरिये उन्हें न सिर्फ बार-बार होने वाले संक्रमण से मुक्ति मिल रही है। बल्कि साइड इफेक्ट्स भी कम हो रहे है। डॉ.सीमा यादव ने बताया दो दशक पुरानी इस चिकित्सा पद्धति से इलाज कराने वाले मरीजों की तादाद पिछले एक दशक के दौरान 20 फीसदी तक बढ़ी है। वही जिला होम्योपैथिक अधिकारी ललित जौहरी ने बताया जिले के 12 चिकित्सा केंद्रों पर अगस्त माह में 8 हजार से अधिक लोगों ने पंजीकरण कराया है। कुछ बीमारियों को छोड़कर सभी रोगों के इलाज के लिए होम्योपैथी कारगार है। एलोपैथिक की तुलना में होम्योपैथी कम खर्चीली, सुलभ, सुरक्षित और प्रामणिक चिकित्सा पद्धति है। होम्योपैथी दवाइयों के दुष्प्रभाव भी न के बराबर है।
ललित जौहरी, जिला होम्योपैथिक अधिकारी