सेकेंडों में पकड़ में आएंगे ओवरलोड वाहन
मनीष तिवारी, ग्रेटर नोएडा: देश में हाईवे व एक्सप्रेस वे का जाल बिछ रहा है। करोड़ों की लागत से हर द
मनीष तिवारी, ग्रेटर नोएडा:
देश में हाईवे व एक्सप्रेस वे का जाल बिछ रहा है। करोड़ों की लागत से हर दिन कई किलोमीटर लंबी सड़कें तैयार हो रही हैं, लेकिन ओवर लोड वाहन के कारण सड़के समय से पहले गड्ढों में बदल जाती है। सड़कों पर दौड़ने वाले ओवरलोड वाहनों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ रही है। इससे रोज करोड़ों रुपये की राजस्व हानि होती है। ओवर लोड वाहन सड़क हादसे की बड़ी वजह भी हैं। मैकेनिकल इंजीनिय¨रग के दो छात्रों ने छह माह की मेहनत से इस समस्या का हल निकाला है। इंस्टीट्यूट आफ मैकेनिकल इंजीनिय¨रग द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित प्रतियोगिता में छात्रों के प्रोजेक्ट ने पुरस्कार जीता है। ओवरलोड वाहनों की पहचान के लिए छात्रों द्वारा तैयार डिवाइस को टोल बूथ पर लगाना होगा। इससे गुजरने वाले ओवरलोड वाहनों की जानकारी कुछ सेकेंड में ही टोल कंट्रोल रूम में दर्ज हो जाएगी। छात्रों ने प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के लिए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से संपर्क साधा है। प्रोजेक्ट पर करीब एक लाख रुपये खर्च आया है।
प्रोजेक्ट को एनआइईटी कॉलेज के छात्र कुमार मेहुल भूषण व धृतिमान ने तैयार किया है। छात्रों ने बताया कि ओवरलोड वाहनों से हादसे एवं सड़कों को होने वाले नुकसान को देखते हुए प्रोजेक्ट तैयार किया है। प्राजेक्ट के तहत टोल बूथ पर कैमरा व इससे करीब पंद्रह फीट पहले अल्ट्रा सोनिक सेंसर लगाया जाएगा। टोल बूथों पर डिफ्लेक्शन बीम लगानी होगी। बीम के नीचे लेजर डिस्टेंस सेंसर होंगे। हर वाहन की क्षमता के अनुसार एक्सल पर एक या दो टायर लगे होते हैं। इसके अनुसार वाहन पर लादा गया भार निर्धारित होता है। यह ब्योरा डिवाइस में दर्ज होगा। टोल से पहले लगा सेंसर सूचना देगा कि वाहन टोल के नजदीक आने वाला है। टोल पर लगे डिफ्लेक्शन बीम से होकर जब वाहन गुजरेगा, सेंसर उसके भार को दर्ज कर लेगा और कंट्रोल रूम में यह ब्यौरा दर्ज हो जाएगा। इसके साथ ही वाहन का नंबर, चालक की फोटो, वाहन में एक्सल, हर एक्सल पर लोड, वाहन में एक्सल के सापेक्ष अतिरिक्त लोड की जानकारी टोल पर्ची पर अंकित हो जाएगी। यह जानकारी तुरंत ही ओवर लोड वाहनों पर कार्रवाई के लिए जिम्मेदार विभागीय कार्यालय के अलावा अधिकारियों तक भी पहुंच जाएगी। इसकी मदद से ओवर लोड वाहन पर कार्रवाई के साथ-साथ जिम्मेदार विभागीय कर्मचारियों की कार्यप्रणाली पर भी निगाह रखी जा सकेगी। दिल्ली में प्रतिदिन आते हैं डेढ़ लाख ट्रक : छात्रों ने बताया पूर्व में विभिन्न एजेंसियों द्वारा किए गए सर्वे में सामने आया है कि अकेले दिल्ली में प्रतिदिन एक लाख साठ हजार ट्रक प्रवेश करते हैं। इनमें से लगभग एक लाख 25 हजार ट्रक ओवरलोड होते हैं। परिवहन मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार लगभग 26 फीसद हादसों का कारण ओवरलोड वाहन होते हैं। ओवरलोड होने पर वाहन से निकलने वाले नाइट्रोजन आक्साइड की मात्रा कई गुना बढ़ जाती है। प्रोजेक्ट के प्रयोग से तमाम समस्याएं हल होंगी।