जीवन को श्रेष्ठ बनाने के लिए शांत रहना जरूरी: बीके शिवानी
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : जीवन को श्रेष्ठ बनाने के लिए सुबह उठते ही खुद को शांत रखना जरूरी है,
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : जीवन को श्रेष्ठ बनाने के लिए सुबह उठते ही खुद को शांत रखना जरूरी है, क्योंकि हर कोई जीवन में शांति चाहता है। जैसा हम सोचेंगे वैसा बन जाएंगे। ज्ञान से सोच बदलती है, सोच से शब्द बदलते हैं और शब्द बदलने से हमारे चारों तरफ का माहौल वैसा बन जाता है जैसा हम सोचते हैं। यह बातें प्रसिद्ध अंतर्राष्ट्रीय प्रेरणादायी वक्ता बीके शिवानी ने कही। वह शहीद विजय ¨सह पथिक स्टेडियम में ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित योगा और कल्याण मेला में मैजिक ऑफ मेडिटेशन विषय पर अपने वक्तव्य दे रही थीं।
उन्होंने कहा कि मेडिटेशन अर्थात जो हम संकल्प करेंगे उसका चित्र अपने मन में बनाएं। ये है मेडिटेशन का मैजिक। इसी प्रकार स्वयं को आत्मा और उसके सतोगुण सुख, शांति, प्रेम, आनंद, शक्ति, ज्ञान, पवित्रता का स्वरूप समझने से हमारा जीवन गुणों से भरपूर हो जाएगा।
हमारे संकल्प न केवल हमारे मन बल्कि, हमारे शरीर, परिवार, समाज, संस्कृति, प्रकृति को प्रभावित करते हैं इसलिए संकल्प शुद्ध, श्रेष्ठ और शुभ होने चाहिए क्योंकि संकल्प हमारी रचना है। उन्होंने कहा कि वास्तव में जीवन भाग दौड़ नहीं बल्कि मन भाग दौड़ कर रहा है इसलिए मन को शांत बनाना होगा।
शिवानी ने कहा कि मेरा घर स्वर्ग है, मेरे रिश्ते मधुर, मेरे बच्चे आज्ञाकारी, मेरा सब कुछ अच्छा है यही संकल्प हमारे जीवन को अच्छा बना देगा। बच्चे जिद्दी नहीं आज्ञाकारी होने चाहिए। इससे पूर्व मेले में सुबह 7.30 से 9.30 बजे तक ब्रह्मकुमारी संस्था के दिल्ली एनसीआर सेवा केंद्रों के लगभग 5000 लोगों ने विश्व शांति और प्रकृति को सुखदाई बनाने के लिए अपने शुभ संकल्पों के माध्यम से संगठित रूप से मेडिटेशन किया।