ऑनलाइन योग, भगा रहा बुजुर्गो के रोग
पारुल रांझा नोएडा शहर के विभिन्न सेक्टरों में बुजुर्ग योग के जरिये कोरोना को हराने में कामयाब हो रहे हैं। लाफ्टर योग क्लब व सेक्टर-122 सीनियर सिटिजन्स क्लब के अलग-अलग ग्रुप बने हैं जो वेबिनार के जरिये सुबह-शाम योग करते हैं। 50 से अधिक बुजुर्गो के ग्रुप में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हैं। ये बुजुर्ग योग कर अपने रोग दूर कर रहे हैं साथ ही दिन की शुरुआत पॉजिटिव सोच के साथ करते हैं। बुजुर्गो का कहना है कि कोरोना के चलते भले ही मिलना मुश्किल हो गया है लेकिन उन्होंने योग करना नहीं छोड़ा।
पारुल रांझा, नोएडा शहर के विभिन्न सेक्टरों में बुजुर्ग योग के जरिये कोरोना को हराने में कामयाब हो रहे हैं। लाफ्टर योग क्लब व सेक्टर-122 सीनियर सिटिजन्स क्लब के अलग-अलग ग्रुप बने हैं, जो वेबिनार के जरिये सुबह-शाम योग करते हैं। 50 से अधिक बुजुर्गो के ग्रुप में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हैं। ये बुजुर्ग योग कर अपने रोग दूर कर रहे हैं, साथ ही दिन की शुरुआत पॉजिटिव सोच के साथ करते हैं। बुजुर्गो का कहना है कि कोरोना के चलते भले ही मिलना मुश्किल हो गया है, लेकिन उन्होंने योग करना नहीं छोड़ा। लॉकडाउन में दूरियों को कम कर रहे बुजुर्ग
सेक्टर-122 सीनियर सिटिजन्स क्लब के सदस्य उमेश शर्मा बताते हैं कि योग से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, जिससे विभिन्न असाध्य रोगों से भी निजात पाई जा सकती है। इन दिनों कोरोना के कारण डर का माहौल है, इससे बुजुर्गो में ज्यादा घबराहट है। घरों में वीडियो कॉल के जरिये योग के कारण वे अब डर से बाहर निकल रहे हैं। कोरोना संक्रमण के डर से उबरने को ध्यान योग भी किया करते है। शुरू में कुछ बुजुर्ग ही ऑनलाइन जुड़े, लेकिन अब संख्या बढ़ने लगी है। योग क्लास में सभी बुजुर्ग कोरोना रोगियों के स्वस्थ होने की कामना भी करते हैं। उन्होंने बताया कि दृढ़ संकल्प हो तो योग के बल पर गंभीर बीमारियों को हरा सकते हैं। वीडियो कॉल पर जुड़ते हैं एक साथ
लाफ्टर योग क्लब की सदस्य प्रभा बताती हैं कि खुश रहना कई बीमारियों की दवा है। इसी पर अमल करते हुए घरों में ही व्यायाम, हास्य योग करने के साथ ही फिट रहने पर जोर दे रहे हैं। जूम एप के जरिये क्लब के 30 से 40 सदस्य वीडियो कॉल पर जुड़ते हैं। योग का एक सत्र 30 से 60 मिनट के बीच का होता है। इसमें क्लास की शुरुआत वॉर्मअप एक्सरसाइज से होती है जिसमें स्ट्रेचिग, ताली बजाना, आवाज निकालना और ब्रीदिग एक्टिविटीज शामिल है। लाफ्टर एक्सरसाइज में सांस लेने की विधि भी शामिल है। ताली बजाना, सांस लेना और हंसना इस सिक्वेंस को बार-बार इसलिए दोहराया जाता है ताकि जिस हंसी की शुरुआत फेक होती है, वह धीरे-धीरे वास्तविक बन जाती है और लोगों को फायदा होने लगता है। उन्होंने बताया कि हंसने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।