आवेदन से लेकर बिजली कनेक्शन तक सभी प्रक्रिया हुईं ऑनलाइन
अब बिजली का नया कनेक्शन लेने के लिए लोगों को निगम कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। साथ ही आवेदक अपनी सुविधा के मुताबिक स्थलीय निरीक्षण की तारीख व मीटर इंस्टॉलेशन की तारीख भी तय कर सकते हैं। इसके लिए उत्तर प्रदेश विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (यूपीपीसीएल) ने ऑनलाइन ¨सगल ¨वडो पोर्टल विकसित किया है।
अर्पित त्रिपाठी, नोएडा
अब बिजली का नया कनेक्शन लेने के लिए लोगों को निगम कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। साथ ही आवेदक अपनी सुविधा के मुताबिक
स्थलीय निरीक्षण की तारीख व मीटर इंस्टॉलेशन की तारीख भी तय कर सकते हैं। इसके लिए उत्तर प्रदेश विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (यूपीपीसीएल) ने ऑनलाइन ¨सगल ¨वडो पोर्टल विकसित किया है। नए कनेक्शन के संबंध में किए गए आवेदनों की जानकारी आवेदनकर्ता को एसएमएस व ईमेल द्वारा उपलब्ध कराई जाएंगी।
'ऑनलाइन ¨सगल ¨वडो पोर्टल' के तहत उपभोक्ता को वेबसाइट ह्वश्चद्गठ्ठद्गह्मद्द4.द्बठ्ठ/ह्वश्चश्चष्द्य पर जाकर 'अप्लाई न्यू कनेक्शन' ¨लक पर नए कनेक्शन के लिए आवेदन करना होगा। साथ ही पहले किए गए आवेदन की अपडेट भी पोर्टल पर प्राप्त कर सकते हैं। पोर्टल के जरिए आवेदक को स्थलीय निरीक्षण की तारीख, मीटर इंस्टालेशन की तिथि, फीस का भुगतान की सुविधा दी गई है। पोर्टल पर ही दस्तावेजों को ऑनलाइन अपलोड करने व सभी जानकारियां को ऑनलाइन मोड में भरने की सुविधा दी गई है। नए कनेक्शन के संबंध में किए गए आवेदनों की जानकारी आवेदनकर्ता को एसएमएस व ई-मेल द्वारा मिलेगी।
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आवेदन करने के तीन दिन में फिजिबिलिटी रिपोर्ट : इस पोर्टल पर प्राप्त हुए आवेदनों के लिए वितरण खंड द्वारा तीन दिनों में फिजिबिलिटी रिपोर्ट जारी करनी होगी। इसके बाद सात दिनों में आवेदन निर्धारित समय-सीमा में जारी किया जाना है। किसी भी स्थिति में कनेक्शन ऑफलाइन जारी नहीं किया जाएगा। वाजिब कारण में निरस्त होगा आवेदन : ¨सगल ¨वडो के तहत आए आवेदन को नियमानुसार व वाजिब कारणों पर ही निरस्त किया जाएगा। इसके लिए संबंधित कारणों की जानकारी पोर्टल पर देनी होगी। उपभोक्ताओं द्वारा ऑनलाइन ही एस्टीमेट की धनराशि का भुगतान किया जाएगा। इसके बाद निर्धारित समय-सीमा में कनेक्शन जारी कर कर मीटर सी¨लग सर्टिफिकेट पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। इस सुविधा के शुरू होने से उपभोक्ता न केवल घर बैठे नया कनेक्शन ले सकेगा साथ ही कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। यह सुविधा निश्चित तौर पर सिस्टम में पारदर्शिता लाने में कारगर साबित होगी।
- आशुतोष निरंजन, प्रबन्ध निदेशक, पीवीवीएनएल