देवी के जयकारे से गूंज उठे मंदिर
शारदीय नवरात्र के पहले दिन शनिवार को श्रद्धालुओं ने महाशक्ति मां दुर्गा की आराधना की।
जागरण संवाददाता, नोएडा
शारदीय नवरात्र के पहले दिन शनिवार को श्रद्धालुओं ने महाशक्ति मां दुर्गा की आराधना की। कोरोना के नियमों का पालन करते हुए जहां भक्तों ने शहर के मंदिरों में पहुंचकर मां के दर्शन किए। वहीं सभी ने अपने घरों में कलश स्थापित कर मां शैलपुत्री की पूजा-अर्चना की। शहर के मंदिरों के कपाट सुबह 4 बजे ही खोल दिए गए थे। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मंदिर परिसर में शारीरिक दूरी बनाए रखने के लिए गोले बनाए गए थे। वहीं सैनिटाइजेशन मशीन भी लगी थी। मंदिरों में थर्मल स्क्रीनिग के बाद श्रद्धालुओं को महाशक्ति के दर्शन के लिए प्रवेश दिया गया। श्रद्धालुओं ने दूर से किए मां के दर्शन
सेक्टर-19 सनातन धर्म मंदिर में मूर्ति को छुए बिना श्रद्धालुओं को दूर से दर्शन करने की अनुमति थी। एक समय पर 10 लोगों को ही प्रवेश दिया गया। छह फुट की शारीरिक दूरी बनाए रखने के लिए परिसर में गोले बनाए गए हैं। वहीं सेक्टर-20 का हनुमान मंदिर में 10 मिनट से अधिक समय तक श्रद्धालु परिसर में नहीं रुक सके। मंदिर में आने वाले सभी श्रद्धालुओं के लिए शारीरिक दूरी व मास्क का प्रयोग अनिवार्य था। इसके अलावा सेक्टर-50 का सनातन धर्म मंदिर, सेक्टर-52 सनातन धर्म मंदिर, सेक्टर-56 का लक्ष्मी नारायण मंदिर, सेक्टर-40 साई मंदिर, सेक्टर-12 कलरिया बाबा मंदिर, सेक्टर-12 का शिव दुर्गा मंदिर, सेक्टर-22 शिव शक्ति मंदिर, सेक्टर-44 का छलेरा मंदिर, सेक्टर-49 का शिव मंदिर और सेक्टर-100 वोडा महादेव मंदिर, हनुमान मंदिर में भी शारीरिक दूरी का पालन करते हुए सुबह से ही भक्त दर्शन के लिए पहुंचने लगे थे। आज होगी ब्रह्मचारिणी की पूजा
सेक्टर-19 स्थित सनातन धर्म मंदिर के पुजारी वीरेंद्र नंदा ने बताया कि नवरात्र में लोग देवी के नौ रूपों की आराधना कर उनसे आशीर्वाद मांगते हैं। मान्यता है कि इन नौ दिनों में जो भी भक्त सच्चे मन से मां दुर्गा की पूजा करता है, उसकी सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं। उन्होंने बताया कि आज नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा होगी। माता ब्रह्मचारिणी का स्वरुप बहुत ही सात्विक और भव्य है। सुबह उठकर स्नान करके मां ब्रह्मचारिणी की उपासना के समय पीले या सफेद वस्त्र पहनें। इसके अलावा मां ब्रह्मचारिणी को सफेद वस्तुएं अर्पित करें। मिश्री, शक्कर या पंचामृत मां को चढ़ाएं। इसके बाद दीपक जलाकर माता का ध्यान करें।