गांवों में स्वच्छ बनाने की ठोस योजना नहीं, अधिकांश सेक्टर भी बदहाल
स्वच्छता सर्वेक्षण में पास होने के लिए तमाम प्रयासो के बाद भी जमीनी स्तर पर सुधार देखने को नहीं मिल रहा है। आज भी आवासीय व औद्योगिक सेक्टरों के अलावा शहर के अंदर मौजूद गांवों में गंदगी का अंबार लगा हुआ है। प्राधिकरण की तरफ से डोर टू डोर कूड़ा उठाने की योजना तैयार हुई है, लेकिन अबतक उसे अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका है।
जागरण संवाददाता, नोएडा : स्वच्छता सर्वेक्षण में पास होने के लिए तमाम प्रयासों के बाद भी जमीनी स्तर पर सुधार देखने को नहीं मिल रहा है। आज भी आवासीय व औद्योगिक सेक्टरों के अलावा शहर के अंदर मौजूद गांवों में गंदगी का अंबार लगा हुआ है। प्राधिकरण की तरफ से डोर टू डोर कूड़ा उठाने की योजना तैयार हुई है, लेकिन अबतक उसे अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका है। इसी की नतीजा है कि आज भी सेक्टरों के आस-पास बने कूड़ा घरों में पूरे दिन कूड़े की ढेर लगा रहता है। प्राधिकरण की तरफ से इनकी सफाई के लिए कर्मचारियों की डयूटी लगाई जाती है, लेकिन कर्मचारियों की मनमानी शहरवासियों पर भारी पड़ रही है। प्राधिकरण अधिकारियों के तमाम प्रयास के बाद भी शहर को स्वच्छ बनाने के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है। सरकारी कार्यालयों के आस-पास फैला रहता है कूड़ा
आवासीय व औद्योगिक सेक्टरों ही नहीं सरकारी कार्यालयों के आस-पास भी कूड़ा फैला रहता है। इसी का एक नमूना आप कोतवाली सेक्टर 58 के पास देख सकते हैं। प्राधिकरण कर्मचारियों की लापरवाही का नतीजा है कि इस कोतवाली के ठीक सामने की कूड़े का अंबार लगा रहता है। इसकी सफाई के लिए पुलिस ने तमाम प्रयास किये लेकिन नतीजा शून्य रहा। आज भी यहां कूड़े की ढेर लगी रहती है। गांवों में साफ-सफाई को लेकर बड़े स्तर पर शिकायत
प्राधिकरण की तरफ से सफाई कार्य में काफी अनियमितता देखने को मिलती है। सेक्टरों की तर्ज पर शहर के अंदर मौजूद गांवों की साफ-सफाई को लेकर कोई ठोस इंतजाम नहीं है। गांवों में जिन सफाई कर्मचारियों की डयूटी होती है वह मनमाना तरीके से काम करते हैं। इसी का नतीजा है कि गांवों में गंदगी फैली रहती है। बीच शहर के अंदर के गांव से लेकर एक्सप्रेस वे किनारे मौजूद गांवों के लोगों की स्वच्छता को लेकर बड़े स्तर पर शिकायत है, लेकिन प्राधिकरण की तरफ से गांवों को स्वच्छ बनाने के लिए कोई ठोस योजना तैयार नहीं हुई है।
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नोएडा अन्य शहरों की अपेक्षा काफी हद तक साफ है, लेकिन यदि हम इसे स्मार्ट सिटी बनाना चाहते हैं तो इसके लिए सभी को प्रयास करने होंगे। जिससे शहर को स्मार्ट सिटी बनाया जा सके।
एनपी ¨सह, अध्यक्ष फोनरवा गांवों के साथ प्राधिकरण भेदभाव करता है। सेक्टरों के तहत डस्टबिन तक नहीं लगाये जा रहे हैं। गांवों के कूड़ा आस-पास के खाली प्लाट में रख दिये जा रहे हैं। कई गांवों में सीवर ओवरफ्लो कर रहा है, लेकिन प्राधिकरण की तरफ से स्थाई इलाज नहीं कर रहा है।
रंजन तोमर, निवासी रोहिल्लापुर