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रिकॉर्ड में मरीजों की संख्या कम, नकद जमा करने पर बनता था पर्चा

रसूखदार और मशहूर चिकित्सकों के ठिकानों पर आयकर विभाग की टीम ने छापा मारा। इस छापे से पूरे उत्तर प्रदेश में हड़कंप मच गया है। बताया जा रहा है की प्रदेश में इस तरह से एक साथ चिकित्सकों पर छापेमारी का यह पहला मामला है। शहर में आयकर विभाग की टीम ने एक साथ सुबह आठ बजे चार स्थानों पर छापेमारी की। आयकर विभाग की टीमें इन जगहों पर दस्तावेजों को खंगाल रही हैं। खातों में हेराफेरी, बेनामी रसीदें, हिसाब-किताब में गड़बड़ी की बात सामने आने पर छापेमारी की यह कार्रवाई की गई है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 Jan 2019 09:57 PM (IST)Updated: Thu, 17 Jan 2019 09:57 PM (IST)
रिकॉर्ड में मरीजों की संख्या कम, नकद जमा करने पर बनता था पर्चा
रिकॉर्ड में मरीजों की संख्या कम, नकद जमा करने पर बनता था पर्चा

जागरण संवाददाता, नोएडा : आयकर विभाग की टीम बृहस्पतिवार सुबह आठ बजे दो डॉक्टरों के चार ठिकानों पर सर्वे करने पहुंची। टीमें इन जगहों पर दस्तावेजों को खंगाल रही है। खातों में हेराफेरी, बेनामी रसीदें, हिसाब-किताब में गड़बड़ी की बात सामने आने पर यह सर्वे किया गया।

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शहर में नियो अस्पताल के डॉ. राजीव मोतियानी के घर सेक्टर-26 स्थित बी-27, क्लीनिक ए-199, सेक्टर-50 स्थित डी-170 नियो अस्पताल व डॉ. गुलाब गुप्ता के क्लीनिक ए-199 सेक्टर-19 व मयूर विहार फेज-1 स्थित घर पर सर्वे हुआ। यहां करीब 35 से ज्यादा आयकर विभाग के अधिकारी सर्च कर रहे हैं। कंपनी बनाकर रिकॉर्ड में घटाई मरीजों की संख्या

सुबह आठ बजे करीब पांच अधिकारियों की टीम सेक्टर-26 स्थित ए-199 में पहुंची। यहा दस्तावेजों को खंगालने का काम शुरू किया गया। बताया गया कि प्रतिदिन डॉ. राजीव मोतियानी अपने क्लीनिक पर करीब 60 से 80 मरीजों को देखते थे। जिनकी प्रतिबार की फीस 1000 से 1100 रुपए थी। क्लीनिक रिकार्ड में रखें रजिस्टर में सभी मरीजों की जानकारी थी लेकिन ऑनलाइन सरकार को भेजी जाने वाली सूची में प्रतिदिन 20 से 30 मरीजों को देखने का ही रिकार्ड लिखा गया था। यह पूरा खेल एक नई कंपनी के जरिये किया हो रहा है। यह कंपनी डॉ. राजीव मोतियानी व डॉ. गुलाब गुप्ता के नाम रजिस्ट्रर्ड थी। यानी कंपनी के दो ही निदेशक हैं। दस्तावेजों को खंगालने का काम जारी है। अस्पताल में ही मिले दोनों चिकित्सक

सुबह आठ बजे आयकर विभाग की टीम जब पहुंची तो उस समय डॉ. राजीव मोतियानी व डॉ. गुलाब गुप्ता दोनों ही सेक्टर-50 स्थित अस्पताल में मौजूद थे। वहां से दोपहर करीब डेढ़ बजे के आसपास आयकर विभाग की टीम उन्हें क्लीनिक लेकर पहुंची। यहां दोनों से दस्तावेजों के आधार पर पूछताछ की जा रही है। जिसमें बड़े पैमाने पर राजस्व का चूना लगाने की बात सामने आ रही है। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि अब तक नहीं की गई है। नकद जमा करने पर मरीज का बनता है पर्चा

आयकर के फेर से बचने के लिए डॉ. राजीव मोतियानी व डॉ. गुलाब गुप्ता दोनों के क्लीनिक पर सिर्फ नकद में ही काम किया जाता था। यहा आए एक मरीज ने बताया कि उन्होंने कई बार ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करने की बात कही, लेकिन वह नहीं मानते थे। वह सिर्फ नकद में ही पैसा जमा करने को कहते थे। बताया गया कि प्रतिदिन करीब 40 नए रजिस्ट्रेशन चिकित्सकों के यहां होते थे।

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अस्पताल में कॉर्ड देखकर मिल रहा प्रवेश

आयकर सर्वे के दौरान सिर्फ उन्हीं लोगों को अंदर जाने दिया जा रहा था जिनके मरीज अस्पताल में भर्ती थे। तीमारदारों को एक कॉर्ड दिया गया था जिसे दिखाए बगैर कोई अस्पताल के अंदर दाखिल नहीं हो सकता था। अस्पताल के प्रशासनिक खंड के कार्यालय के स्टॉफ कहीं नहीं जाने दिया गया उनसे देर शाम तक पूछताछ की जा रही है। -------------

20 जनवरी तक बंद रहेगा क्लीनिक

आयकर विभाग की टीम पहुंचते ही सबसे पहले डॉ राजीव मोतियानी के क्लीनिक के बाहर एक पर्चा चस्पा किया गया। जिसमें क्लीनिक को 17 से 20 जनवरी तक बंद रहने की सूचना लिखी थी लेकिन कारण को स्पष्ट नहीं किया गया।

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यहां हुई सर्वे

स्थान टीमें

सेक्टर-19 डॉ गुलाब गुप्ता का क्लीनिक एक टीम (चार अधिकारी)

सेक्टर-26 डॉ राजीव मोतियानी का क्लीनिक एक टीम (चार से ज्यादा अधिकारी)

सेक्टर-26 डॉ राजीव मोतियानी का घर एक टीम (चार से ज्यादा अधिकारी)

सेक्टर-50 नियो अस्पताल एक टीम (छह से ज्यादा अधिकारी)

मयूर विहार फेज-1 डॉ गुलाब गुप्ता का घर एक टीम (चार से ज्यादा अधिकारी)

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अस्पताल प्रबंधन ने कुछ भी बोलने से किया मना:

आयकर विभाग की इस सर्वे के संबंध में अस्पताल प्रबंधन से भी बात करने की कोशिश की गई, लेकिन किसी ने भी इस सर्वे के बारे में बोलने से मना कर दिया है। बता दें कि नियो अस्पताल में चार प्रंबंध निदेशक हैं इनमें डॉ. राजीव मोतियानी, डॉ. गुलाब गुप्ता, डॉ राकेश मल्होत्रा, डॉ. संदीप गुलाटी शामिल हैं। पूरे प्रदेश में अबकी बार डॉक्टरों को टारगेट किया गया है। अगर राजनीतिक विद्वेष के चलते यह कार्रवाई की गई है, तो यह गलत है। ऐसे में आइएमए सभी डॉक्टरों के साथ हैं। जिन भी डॉक्टरों के घर और क्लीनिक पर सर्वे की गई है, उनसे बात की गई है। जल्द ही आगे की रणनीति तय की जाएगी।

-डॉ. अर¨वद गर्ग, अध्यक्ष, नोएडा इंडियन मेडिकल एसोसिएशन


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