नोएडा एयरपोर्ट के उद्घाटन में देरी क्यों! सिक्योरिटी क्लियरेंस मिलने में कहां फंसा पेंच? सामने आई बड़ी वजह
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का उद्घाटन फिर टल गया है, जिससे निर्माण एजेंसी आलोचना झेल रही है। एजेंसी ने काम पूरा किए बिना जल्दबाजी दिखाई और मुख्यमंत्री क ...और पढ़ें
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नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के उद्घाटन का कार्यक्रम पांचवी बार टालना पड़ा।
मनोज कुमार शर्मा, जेवर। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का उद्घाटन एक बार फिर टलने के बाद निर्माण एजेंसी के कारण सरकार और एयरपोर्ट से जुड़ी सभी एजेंसियों की किरकिरी का सामना करना पड़ा है। निर्माण एजेंसी ने कार्य पूर्ण किए बिना ही उद्घाटन की जल्दबाजी दिखाई। मुख्यमंत्री को भी गुमराह किया गया। मुख्यमंत्री को नवंबर के अंत तक हर हाल में कार्य पूरा करने का भरोसा देकर प्रधानमंत्री कार्यालय से नौ दिसंबर तक उद्घाटन की तिथि का संदेश भिजवा दिया।
सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री कार्यालय से उदघाटन की तिथि तय कर दी गई थी। हालांकि, इसकी औपचारिक घोषणा नहीं हुई थी, लेकिन एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री की जनसभा के लिए तैयारियां शुरू कर दी गई थी। सभा स्थल पर पंडाल लगाने के साथ बड़ी संख्या में कुर्सियां भी लगा दी गई थी।
संभावना जताई जा रही थी कि नौ दिसंबर को एयरपोर्ट का उदघाटन हो जाएगा, लेकिन कार्य पूरा न होने की वजह से नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) ने अभी तक सिक्योरिटी क्लीयरेंस नहीं दिया गया। इसके चलते महानिदेशालय नागर विमानन (डीजीसीए) भी चार दिसंबर तक एयरपोर्ट को एयरोड्रम लाइसेंस जारी नहीं कर सका। परिणाम स्वरूप एयरपोर्ट के उद्घाटन की तिथि पांचवीं बार टालनी पड़ी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 25 नवंबर 2021 को एयरपोर्ट का शिलान्यास किया था। निर्माण कार्य पूरा करने की अवधि तीन साल में यानि सितंबर 2024 रखी गई। समय पर कार्य पूरा न होने के चलते इसे बढ़ाकर दिसंबर 2024 किया गया। दिसंबर में निर्माण कार्य पूर्ण नहीं होने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 10 मार्च को लखनऊ में अधिकारियों के साथ बैठक कर लताड़ लगाते हुए 15 मई 2025 से डोमेस्टिक और 13 जून 2025 से इंटरनेशनल उड़ानों के संचालन का समय दिया।
उक्त तिथि में भी यमुना इंटरनेशनल प्रा.लि.(यापल) काम पूरा नहीं करा सकी। इसके बाद 30 सितंबर तक कार्य पूर्ण कर 31 अक्टूबर के आसपास उद्धाटन का समय तय किया गया। निर्माण एजेंसियों की लापरवाही के चलते उक्त अवधि में भी निर्माण पूरा नहीं सका। प्रदेश सरकार ने 30 नवंबर तक निर्माण पूरा करने का लक्ष्य दिया।
निर्माण कार्यों के निरीक्षण के लिए अपर मुख्य सचिव और मुख्य सचिव के बाद स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक माह के अंतराल में दो बार एयरपोर्ट का निरीक्षण करते हुए (बीसीएएस) के निर्देशों के आधार पर सभी खामियों को दूर करने के निर्देश दिए। (बीसीएएस) की टीम ने दो दिसंबर को फाइनल निरीक्षण के बाद सिक्योरिटी क्लीयरेंस की रिपोर्ट (डीजीसीए) को सौंपनी थी।
खामियां दूर न होने के चलते समय से रिपोर्ट न पहुंचने पर (डीजीसीए) ने एयरपोर्ट को एयरोड्रम लाइसेंस नहीं दिया। लाइसेंस न मिलने के चलते प्रधानमंत्री कार्यालय ने उद्धाटन की तिथि की औपचारिक घोषिण को टाल दिया गया। इस तरह से पांचवी बार एयरपोर्ट के उद्धाटन को स्थगित करना पड़ा है।
उद्धाटन की जल्दबाजी में सुरक्षा खामियों पर नहीं दिया ध्यान
मुख्यमंत्री के दौरे के दौरान नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरों और सीआइएसएफ की टीम ने सुरक्षा को लेकर इमरजेंसी निकास द्वार,वाच टावर, और चारदीवारी सहित अन्य कुछ खामियां बताई थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तत्परता के साथ सभी खामियों को दूर करने के निर्देश दिए थे।
यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्रा. लि. सुरक्षा खामियों को दूर करने के बजाय उद्धाटन की तैयारियों में उलछी रही। प्रधानमंत्री कार्यालय से तिथि मिलने से पहले ही जनसभा के लिए टेंट तंबू, मंच के अलावा सोफा और कुर्सीयों को लगावाने में व्यस्त हो गई।निर्माण एजेंसी की कमी चलते किरकिरी का सामना करना पड़ा है।
क्यों दिखाई जल्दबाजी
ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल की एजी यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्रा. लि.को करार के मुताबिक एयरपोर्ट संचालन के शुरूआती आठ साल में सितंबर 2024 से (मोरेटोरियम पीरियड) के दौरान कोई भुगतान नहीं करना। उसके बाद प्रति यात्री 400.97 रूपये के हिसाब से नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लि. को देने हैं। दूसरा सितंबर 2024 से निर्माण कर्ता पर देरी के लिए प्रतिदिन का दस लाख रूपये लेट फीस का जुर्माना लग रहा है। जिसकी वजह से यापल जल्दबाजी में उद्धाटन कराने के हर हथकंडे अपना रही थी।

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