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    Noida Crime: जालसाजों ने 4 प्रदेशों की 29 बैंकों में खुलवाए थे 250 से ज्यादा खाते, STF ने 15 लाख से ज्यादा कराए फ्रीज

    Updated: Tue, 09 Dec 2025 09:28 AM (IST)

    एसटीएफ ने 100 करोड़ के होम लोन घोटाले का पर्दाफाश किया, जिसमें फर्जी कंपनियों और निदेशकों के माध्यम से बैंकों को ठगा गया। 29 बैंकों में 250 से अधिक खा ...और पढ़ें

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    गजेंद्र पांडेय, ग्रेटर नोएडा। फर्जी कंपनियों में फर्जी डायरेक्टर और कर्मचारी बनकर जाली आधार व पैन आदि कागजात से बैंकों से लोन के नाम पर 100 करोड़ से अधिक की धनराशि हड़पने वाले जालसाजों का नेटवर्क दिल्ली उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, चंडीगढ़ और गुरुग्राम तक फैला था।

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    आरोपितों ने अलग-अलग प्रदेशों की 29 सरकारी और प्राइवेट बैंकों में 250 से अधिक खाते खुलवाए थे। एसटीएफ ने चार दिसंबर को गिरोह का पर्दाफाश कर आठ आरोपितों को गिरफ्तार किया था। एसटीएफ ने सभी बैकों से खाते फ्रीज करने के लिए लेटर भेजा है। फिलहाल अभी 11 खातों की डिटेल मिली है, इनमें 15 लाख से अधिक रकम फ्रीज की गई है।

    एसटीएफ ने गाजियाबाद के इंदिरापुरम अंतर्गत शक्तिखंड निवासी आरोपित रामकुमार जो एचडीएफसी और एक्सिस बैंक में लोन एग्ज्यूकेटिव पद पर कार्यरत था समेत आठ आरोपितों को गिरफ्तार किया था। जांच में सामने आया था कि जालसाज फर्जी कंपनियां, उनमें फर्जी डायरेक्टर और कर्मचारी बनाते हैं। इनके आधार व पैन आदि भी जाली बनाकर बैंक कर्मियों से सांठगांठ कर होम व प्रापर्टी लोन हड़प जाते हैं।

    गिरोह मृतकों के स्थान पर दूसरे लोगों को खड़ा कर और बिल्डरों से सांठगांठ कर भी बैंकों को लोन के नाम पर चूना लगाते थे। एसटीएफ की जांच में सामने आया कि आठ बिल्डरों से गिरोह की सांठगांठ थी। गिरफ्तार आरोपितों में से ताहिर, अशोक और समशाद 2015 से एक साथ कर रहे थे। बाकी आरोपित वासी और समशाद का रिश्तेदार हैं। नितिन नामक आरोपित अशोक का कर्मचारी है।

    जांच में यह भी सामने आया कि दिल्ली निवासी मृतका रत्नावासुदेव के स्थान पर दूसरी महिला को खड़ा करने संपत्ति दूसरे के नाम कराने में ताहिर हुसैन, अनिल शर्मा और अशोक कुमार उर्फ रिंकी ने शाहिदा अहमद के दस्तावेज रत्ना वासुदेवा के नाम से तैयार किए थे। अमन शर्मा द्वारा शाहिदा के फर्जी फिंगर प्रिंट से आधार कार्ड व पैन कार्ड बनवाकर फेडरल बैंक में खाता खुलवाया गया था।

    रत्ना वासुदेवा के फर्जी फेडरल बैंक खाते में एचडीएफसी बैंक से 4.8 करोड़ रुपए का लोन ट्रांसफर कराकर उसकी रजिस्ट्री फर्जी शाहिदा को रत्ना वासुदेवा बनाकर सनाउल्ला के नाम 5 दिसंबर 2024 को कराई गई थी। उक्त रजिस्ट्री में सनाउल्ला खुद मौजूद नहीं था। उसके स्थान पर मो. वसी ने सनाऊल्ला अंसारी बनकर रजिस्ट्री कराई और खुद की बायोमेट्रिक एवं फोटो खिंचवाए थे।

    इन बैंकों में सांठगांठ कर खुलवाए थे खाते

    जालसाजों ने एयरटेल पेमेंट्स बैंक, एयू स्माल फाइनेंस बैंक, एक्सिस बैंक, बंधन बैंक, बैंक आफ बड़ौदा, बैंक आफ महाराष्ट्र, केनरा बैंक, कैपिटल फर्स्ट लिमिटेड, सीबीएस बैंक लिमिटेड, सेंट्रल बैंक आफ इंडिया, इक्विटास स्माल फाइनेंस बैंक, फेडरल बैंक, एचडीएफसी बैंक लिमिटेड, आईसीआईसीआई बैंक, आईडीबीआई बैंक, आईडीएफसी बैंक लिमिटेड, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक, इंडियन बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, इंडसइंड बैंक लिमिटेड, जेएंडके बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, आरबीएल बैंक लिमिटेड, स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक, स्टेट बैंक आफ इंडिया, यूको बैंक, उज्जीवन स्माल फाइनेंस बैंक और यूनियन बैंक में करीब 250 से अधिक खाते खुलवाए थे।

    एसटीएफ ने मामले में एक और आरोपित को किया गिरफ्तार

    एसटीएफ और सूरजपुर कोतवाली पुलिस ने बिल्डर और बैंक कर्मचारियों की मिलीभगत से संचालित फर्जी दस्तावेज के जरिये करोड़ों के होम लोन ठगी के मामले में सोमवार को एनएच-91 रोड सादोपुर झाल बादलपुर निवासी शुभम सक्सेना को गिरफ्तार किया है। आरोपित एचडीएफसी होम लोन में सेल्स एग्जीक्यूटिव पद पर तैनात रह चुका है। वर्तमान में वह एसबीआई होम लोन में टीम मैनेजर के पद पर दिल्ली में तैनात है।

    जानिए क्या है मामला

    स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) नोएडा यूनिट ने फर्जी प्रोफाइल बनाकर होम लोन के नाम पर 100 करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी करने वाले आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया था। रामकुमार निवासी शक्ति खंड, गाजियाबाद, नितिन जैन निवासी वेस्ट गोरख पार्क थाना शाहदरा दिल्ली, मो. वसी निवासी ग्राम चंदेल, थाना चांडेल जिला सराए किला खरावना झारखंड, शमशाद आलम निवासी फुलवरिया थाना ढाका चंपारण बिहार, इंद्रकुमार कर्माकर निवासी पालम विहार गुरुग्राम, हरियाणा, अनुज यादव निवासी राजीव कालोनी साहिबाबाद, अशोक कुमार उर्फ दीपक जैन निवासी वेस्ट पटेल नगर दिल्ली और ताहिर हुसैन निवासी कस्बा गवां जिला संभल के रूप में हुई थी।

    कब्जे से बैंक चेकबुक-पासबुक, एटीएम कार्ड, आधार, पैन कार्ड, वोटर आईडी, मोबाइल, लैपटॉप, लग्जरी गाड़ियां और फर्जी रजिस्ट्री व एग्रीमेंट दस्तावेज बरामद किए थे। आरोपियों के पास मिली डायरी कई महीनों में भेजी गई नकली कर्मचारियों की तनख्वाह, प्रोफाइल के लेनदेन और विभिन्न बैंकों से लिए गए लोन का पूरा ब्योरा दर्ज है।