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एक्वा लाइन के मेट्रो पिलर के दोनों ओर 20 मीटर तक स्थाई-अस्थायी निर्माण नहीं

नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्वा लाइन के मेट्रो पिलर के दोनों और 20 मीटर तक किसी भी प्रकार का स्थाई व अस्थायी निर्माण नहीं किया जाए। इसके लिए नोएडा मेट्रो रेल कारपोरेशन (एनएमआरसी) ने नोएडा प्राधिकरण को पत्र लिखा है। सहमति मिलने के बाद एक सर्वे किया जाएगा। यदि वर्तमान में पिलर के आस-पास 20 मीटर के दायरे में कोई निर्माण है तो उसे ध्वस्त किया जा सकता है। साथ ही जो नए नक्शे पास होंगे वह इसी नई रूप रेखा के आधार पर तैयार किए जाएंगे। ताकि भविष्य में पिलर के मजबूती में कोई खामी न आए। एक्वा लाइन 29.707 किलोमीटर लंबी है। यह नोएडा को ग्रेटर नोएडा से जोड़ रही है। रूट पर 21 मेट्रो स्टेशन है। यह पूरा ट्रैक एलिवेटड है। जिसे पिलर पर खड़ा किया गया है। लिहाजा पिलर की मजबूती काफी अहम है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Sep 2018 08:08 PM (IST)Updated: Wed, 12 Sep 2018 08:08 PM (IST)
एक्वा लाइन के मेट्रो पिलर के दोनों ओर 20 मीटर तक स्थाई-अस्थायी निर्माण नहीं
एक्वा लाइन के मेट्रो पिलर के दोनों ओर 20 मीटर तक स्थाई-अस्थायी निर्माण नहीं

जागरण संवाददाता, नोएडा : नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्वा लाइन के मेट्रो पिलर के दोनों ओर 20 मीटर तक किसी भी प्रकार का स्थायी व अस्थायी निर्माण नहीं होगा। इसके लिए नोएडा मेट्रो रेल कारपोरेशन (एनएमआरसी) ने नोएडा प्राधिकरण को पत्र लिखा है। सहमति मिलने के बाद एक सर्वे किया जाएगा। अगर वर्तमान में पिलर के आसपास 20 मीटर के दायरे में कोई निर्माण है तो उसे ध्वस्त किया जा सकता है। साथ ही जो नए नक्शे पास होंगे वह इसी नई रूपरेखा के आधार पर तैयार किए जाएंगे, ताकि भविष्य में पिलर के मजबूती में कोई खामी न आए।  एक्वा लाइन 29.707 किलोमीटर लंबी है। यह नोएडा को ग्रेटर नोएडा से जोड़ रही है। रूट पर 21 मेट्रो स्टेशन है। यह पूरा ट्रैक एलिवेटेड है, जिसे पिलर पर खड़ा किया गया है। लिहाजा पिलर की मजबूती काफी अहम है।

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दरअसल, पिलर के आसपास कंस्ट्रक्शन होने या खुदाई होने से पिलर के आधार को नुकसान पहुंच सकता है। लिहाजा सावधानी बरतते हुए एनएमआरसी ने प्राधिकरण से आग्रह किया कि यहां पिलर के 20 मीटर के दायरे में किसी भी प्रकार का कंस्ट्रक्शन न किया जाए। वहीं, डीएमआरसी की बात की जाए तो नोएडा के सेक्टर-16 से सेक्टर-18 के बीच अट्टा मार्केट है। मार्केट के दुकानदारों ने यहां सर्विस लेन को घेर कर अवैध निर्माण कर रखा है। इसे लेकर डीएमआरसी कई बार आपत्ति कर चुका है। फिलहाल इस निर्माण को लेकर प्राधिकरण सजग है। जल्द ही डीएमआरसी के अधिकारियों के साथ बातचीत होगी। प्राधिकरण सूत्रों ने बताया कि एक्वा पर अनुमति के लिए यह फाइल सीईओ को भेजी जाएगी। यहां से मंजूरी मिलने के साथ ही एक सर्वे किया जाएगा। इसके तहत देखा जाएगा कि वर्तमान में पिलर के आसपास क्या स्थिति है। इसके आधार पर आगे की रणनीति तैयार की जाएगी। हालांकि, यह तो स्पष्ट है कि 20 मीटर के दायरे में आने वाले भूखंडों में होने वाले कंस्ट्रक्शन का नक्शा उसी तरह तैयार किया जाएगा, ताकि यह मेट्रो पिलर के आधार को नुकसान न पहुंचा सके।

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ग्रीन बेल्ट बनाना बेहतर विकल्प

पिलर के आधार को नुकसान न पहुंचे। लिहाजा सेक्टर-15 से सिटी सेंटर तक मेट्रो पिलर की तरह ही एक्वा पिलर को सेंट्रल वर्ज में किया जा सकता है। इससे हरियाली के साथ यहां किसी प्रकार का कंस्ट्रक्शन नहीं होगा। साथ ही पिलर के आधार को मजबूती भी मिल जाएगी।


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